KNEWS DESK- आज छत्तीसगढ़ के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि राज्य की साय सरकार अपना दूसरा बजट पेश करने जा रही है। यह बजट राज्य का 25वां बजट होगा, और इसकी प्रस्तुति एक नए विकास और समृद्धि के संकेत के रूप में देखी जा रही है। लेकिन अगर हम इतिहास की ओर रुख करें तो यह जानकर हैरानी होती है कि राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ का पहला बजट कितना कंजूसी से पेश किया गया था।
छत्तीसगढ़ राज्य का पहला बजट 2001 में वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ने पेश किया था। यह बजट एक टेंट में पेश किया गया था, और यह राज्य के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक था। यह तब था जब राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी, और हर खर्चे पर कड़ी निगरानी रखी गई थी। रामचंद्र सिंहदेव इतने सख्त थे कि वह हर प्रस्ताव पर आपत्ति की उंगली रखते थे। उनका उद्देश्य था कि सरकारी धन का दुरुपयोग न हो। हालांकि, उनके इस कठोर रवैये से कई बार विवाद भी उठे और सरकार के भीतर टकराव की स्थिति भी बनी। लेकिन उनका हर कदम राज्य के हित में था और उनकी कंजूसी को लेकर कई बार विवाद उठे थे।
2006 में जब भाजपा सत्ता में आई और रमन सिंह मुख्यमंत्री बने, तब वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी अमर अग्रवाल को मिली। इस दौरान रमन सिंह के खिलाफ कुछ विधायकों ने मोर्चा खोल दिया, और इस विवाद का परिणाम यह हुआ कि वित्त मंत्री अमर अग्रवाल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। इस संकट ने राज्य की राजनीति को झकझोर दिया, लेकिन यह भी दर्शाता है कि बजट को लेकर हमेशा गंभीरता बनी रही।
छत्तीसगढ़ की राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान को समर्पित कई पहलुओं को बजट में दिखाने का एक अनूठा प्रयास 2022 में हुआ। उस साल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति और ग्रामीण जीवन को सम्मानित करते हुए गोबर से बने ब्रीफकेस में बजट पेश किया। यह ब्रीफकेस रायपुर के गोकुल धाम गौठान में गोबर से बनाया गया था। इसके निर्माण में गोबर पाउडर, चूना पाउडर, मैदा लकड़ी और ग्वार गम का इस्तेमाल किया गया। यह पहल राज्य की परंपराओं को जीवित रखने और प्रदूषण रहित पर्यावरण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
2024 में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पहली बार पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया, जो कि राज्य में डिजिटल क्रांति के आगमन का प्रतीक था। इस बार बजट को एक विशेष ब्रीफकेस में पेश किया गया, जो ढोकरा शिल्प से बना था। यह ब्रीफकेस छत्तीसगढ़ की आदिवासी कला और संस्कृति का प्रतीक था, और इसे ‘जीयान’ थीम के तहत प्रस्तुत किया गया था। इस बजट से यह स्पष्ट हो गया कि छत्तीसगढ़ ने तकनीकी और सांस्कृतिक दोनों ही मोर्चों पर विकास किया है।
अगर हम 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ के बजट की वृद्धि को देखें, तो यह अविश्वसनीय है। राज्य बनने के बाद 2000-2001 में छत्तीसगढ़ का पहला बजट 5,700 करोड़ रुपये का था। वहीं, 2024 में अनुमानित बजट 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इस तरह से, 25 वर्षों में बजट का आकार 25 गुना बढ़ चुका है, जो राज्य की आर्थिक समृद्धि का संकेत है। इस वृद्धि से यह भी साबित होता है कि छत्तीसगढ़ ने विकास के सभी क्षेत्रों में तेजी से कदम बढ़ाए हैं और राज्य में वित्तीय स्थिरता आई है।
आज, जब छत्तीसगढ़ अपना 25वां बजट पेश करेगा, तो यह राज्य की आर्थिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक यात्रा को दर्शाता है। पहले टेंट में पेश हुआ बजट, फिर गोबर से बने ब्रीफकेस से बजट पेश करना, और अंत में डिजिटल बजट की ओर कदम बढ़ाना, यह सभी संकेत हैं कि छत्तीसगढ़ ने विकास के हर पहलू में अभूतपूर्व प्रगति की है। 25 वर्षों में राज्य ने अपनी पहचान बनाई है और आने वाले समय में और भी विकास की दिशा में कदम बढ़ाने का प्रयास करेगा।
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