डिजिटल डेस्क- देशभर के श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए 21 नवंबर, 2025 ऐतिहासिक दिन बन गया है। केंद्र सरकार ने पांच साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार चार नए लेबर कोड्स लागू कर दिए हैं। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि यह सिर्फ सुधार नहीं, बल्कि देश के हर श्रमिक के सम्मान और सुरक्षित भविष्य की गारंटी है। सरकार के अनुसार, नए लेबर कोड्स लागू होने के बाद सभी वर्कर्स को न्यूनतम वेतन समय पर मिलेगा, साथ ही हर कर्मचारी को अप्वाइंटमेंट लेटर देना नियोक्ता के लिए अनिवार्य होगा। महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन की गारंटी मिलेगी। इन कोड्स के लागू होने से 40 करोड़ से अधिक वर्कर्स सोशल सिक्योरिटी के दायरे में आ जाएंगे।
वर्कर्स के हित में बड़े बदलाव
श्रम मंत्री मंडाविया ने बताया कि नए कोड्स साधारण संशोधन नहीं, बल्कि कार्यबल के कल्याण के लिए बड़ा कदम हैं। सरकार ने कई राज्यों जैसे कि यूपी, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा में स्टडी कर इन कोड्स के प्रभाव का आकलन किया। रिपोर्ट्स में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
पिछले नियमों में ये बड़े बदलाव किए गए हैं—
- एक साल की नौकरी के बाद भी कर्मचारी ग्रेच्युटी का पात्र होगा।
- 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले वर्कर्स को साल में एक बार मुफ्त हेल्थ चेकअप मिलेगा।
- ओवरटाइम पर दोगुनी मजदूरी मिलेगी।
- जोखिम वाले सेक्टर के श्रमिकों को 100% हेल्थ सिक्योरिटी प्रदान की जाएगी।
चारों नए लेबर कोड
आज से लागू हुए चार कोड ये हैं—
- कोड ऑन वेजेज (2019)
- इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (2020)
- कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी (2020)
- ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSHWC) (2020)
ये कोड अब पुराने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों की जगह लागू होंगे।
गिग वर्कर्स, महिला कर्मचारियों और MSME सेक्टर को बड़ा फायदा
नए कोड्स में पहली बार गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म वर्कर्स की स्पष्ट परिभाषा दी गई है। इसके तहत एग्रीगेटर कंपनियों को अपने टर्नओवर का 1–2% अलग वेल्फेयर फंड में जमा करना होगा, जिससे वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी मिलेगी।
महिलाओं के लिए—
- 26 हफ्तों की पेड मैटरनिटी लीव,
- क्रेच सुविधा,
- वर्क-फ्रॉम-होम का विकल्प,
- 3500 रुपये मेडिकल बोनस
जैसी सुविधाएं और मजबूत की गई हैं। अब परिवार की परिभाषा में सास-ससुर भी शामिल होंगे, जिससे महिला कर्मचारियों को विस्तृत सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
वेल्फेयर लाभ के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर
सरकार ने आधार से लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे कर्मचारी देश के किसी भी राज्य में जाकर काम करें, उन्हें वेल्फेयर स्कीम्स का लाभ लगातार मिलता रहेगा। सरकार ने कहा कि ये रिफॉर्म्स आत्मनिर्भर भारत और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। अर्थव्यवस्था को गति देने, उद्योगों को मजबूत करने और श्रमिकों को सुरक्षा देने के लिए यह सबसे बड़ा श्रम सुधार है।