KNEWS DESK – उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की दिशा में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्यपाल ने पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो यूसीसी के प्रभावी क्रियान्वयन पर काम करेगी। इस समिति का उद्देश्य यूसीसी को लागू करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण, मार्गदर्शन, और अन्य संसाधन उपलब्ध कराना है।
चार सदस्यीय एक कार्यान्वयन समिति का गठन
आपको बता दें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने चार सदस्यीय एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह करेंगे, जिन्हें राज्यपाल ने स्वीकृति दी है। समिति में दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा, और स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा भी सदस्य के रूप में शामिल हैं। इन सभी प्रमुख सदस्यों ने यूसीसी के ड्राफ्ट और नियमावली तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और अब उन्हें इसके कार्यान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है।
यूसीसी के तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन
यह समिति यूसीसी के कार्यान्वयन में सहयोग करेगी, जिसमें ब्यूरोक्रेट्स का प्रशिक्षण, मास्टर ट्रेनर्स तैयार करना, और वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से मार्गदर्शन प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा, यह समिति विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मियों को यूसीसी के तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन भी देगी। समिति का प्रमुख कार्य इस प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाना है, ताकि यूसीसी लागू करने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो। इसके साथ ही, यूसीसी के तहत सभी नागरिकों को समान अधिकार और कर्तव्यों की जानकारी देने के लिए पोर्टल और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जाएगा।
यूसीसी नियमावली पर विचार जारी
वर्तमान में, यूसीसी की नियमावली विधायी के पास है, और माना जा रहा है कि इसे विधायी द्वारा सत्यापित करने के बाद इसे लागू किया जाएगा। पहले इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि राज्य स्थापना दिवस के आसपास इसे लागू कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक इसके तकनीकी पक्षों पर विधायी स्तर पर विचार जारी है। जैसे ही नियमावली विधायी से पारित होती है, राज्य सरकार इसे लागू करने के लिए तैयार हो जाएगी।
राज्य सरकार का दृष्टिकोण
राज्य सरकार का मानना है कि यूसीसी का उद्देश्य उत्तराखंड के सभी नागरिकों के लिए समान और न्यायसंगत अधिकार सुनिश्चित करना है। इससे धार्मिक, सामाजिक और कानूनी आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव समाप्त होगा, और राज्य में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून और कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित होगा।