डिजिटल डेस्क- नई दिल्ली से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के पिता, देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व मिजोरम राज्यपाल स्वराज कौशल का गुरुवार को निधन हो गया। 73 वर्षीय स्वराज कौशल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से राजनीतिक, न्यायिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के सोलन में 12 जुलाई 1952 को जन्मे कौशल अपने विद्वत्तापूर्ण व्यक्तित्व, सरल स्वभाव और राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। स्वराज कौशल ने अपने करियर में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रहे और देश के कई अहम मामलों में कानूनी सलाहकार के रूप में योगदान दिया। उनकी कानूनी पैठ ने उन्हें देश के प्रतिष्ठित अधिवक्ताओं में शामिल कर दिया। उनके कौशल और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया, जहां उन्होंने अपनी सूझबूझ और शांत शैली से प्रशासनिक कार्यों को संभाला। दिल्ली बीजेपी ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनके निधन की पुष्टि करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि उनका अंतिम संस्कार 4 दिसंबर को शाम 4:30 बजे, लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा।
बांसुरी स्वराज ने भावुक संदेश में दी श्रद्धांजलि
भाजपा सांसद और उनकी बेटी बांसुरी स्वराज ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पिता के निधन की जानकारी देते हुए एक अत्यंत भावुक संदेश लिखा। उन्होंने कहा— “पापा स्वराज कौशल जी, आपका स्नेह, अनुशासन, सरलता, राष्ट्रप्रेम और धैर्य मेरे जीवन की वह रोशनी हैं जो कभी मंद नहीं होगी। आपका जाना मेरे हृदय की सबसे गहरी पीड़ा है, पर विश्वास है कि आप अब माँ के साथ पुनः मिल चुके हैं। आपकी बेटी होना मेरा सबसे बड़ा गौरव है।”
राजनीतिक जगत में उमड़े संवेदना संदेश
उनके निधन की खबर मिलते ही भाजपा सहित विभिन्न दलों के नेता उनके निवास पर पहुँचने लगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के बाद परिवार को यह दूसरा बड़ा झटका लगा है। नेताओं ने स्वराज कौशल को एक उत्कृष्ट विधिवेत्ता, सरल स्वभाव के सज्जन व्यक्ति और देश के प्रति समर्पित नागरिक के रूप में याद किया।