KNEWS DESK- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में आधिकारिक तौर पर शामिल होंगे। उनके साथ उनके बेटे भी पार्टी में शामिल होंगे। इस महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम की जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया के जरिए दी थी। शर्मा ने बताया कि सोरेन और उनके बेटे का बीजेपी में स्वागत रांची में किया गया और इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सोरेन की मुलाकात की तस्वीर भी साझा की थी।
चंपई सोरेन की बीजेपी में शामिल होने की खबर लंबे समय से चर्चा में थी। चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व पर उनके अपमान का आरोप लगाते हुए पार्टी से अलग होने का निर्णय लिया था। सोरेन ने यह भी संकेत दिया था कि वे अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाएंगे। इसके बाद ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, जो अब सच साबित हुई हैं।
बाबूलाल मरांडी की चुप्पी और प्रतिक्रिया
झारखंड की राजनीति में चंपई सोरेन की बीजेपी में शामिल होने के बावजूद बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी की चुप्पी ने राजनीतिक हलकों में सवाल उठाए हैं। माना जा रहा है कि मरांडी इस कदम से खुश नहीं हैं, और इसलिए उन्होंने पिछले हफ्ते तक सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की खबरों का खंडन किया था। इसके अलावा, चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की घटनाओं के दौरान मरांडी की अनुपस्थिति ने भी राजनीतिक विश्लेषकों को आश्चर्यचकित किया है।
चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। चंपई सोरेन की आदिवासी समुदाय में अच्छी खासी पहचान और प्रभाव है, जिससे बीजेपी को राज्य में राजनीतिक लाभ मिल सकता है। हालांकि, बाबूलाल मरांडी की असंतोषजनक प्रतिक्रिया और उनकी मौजूदा स्थिति पार्टी के भीतर संभावित मतभेदों का संकेत देती है। यह घटनाक्रम आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों में पार्टी के रणनीतिक रुख को प्रभावित कर सकता है। चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से राज्य की राजनीतिक संरचना में बदलाव की संभावना है, जो आगामी चुनावों के परिणामों पर भी असर डाल सकता है।
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