झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर

KNEWS DESK- झारखंड की राजनीति के सबसे सशक्त और जमीन से जुड़े नेताओं में शुमार शिबू सोरेन का सोमवार सुबह निधन हो गया। 81 वर्षीय सोरेन दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने सुबह 8:48 बजे अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहे ‘दिशोम गुरु’ के निधन से झारखंड ही नहीं, देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है।

शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और आदिवासी अधिकारों के प्रबल पैरोकार रहे हैं। उनके निधन पर राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक जगत के कई दिग्गजों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक जताते हुए उन्हें “जमीनी नेता” बताया। उन्होंने लिखा:
“शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में तरक्की की। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से प्रतिबद्ध रहे। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं।”

झारखंड के मुख्यमंत्री और शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन ने अपने पिता के निधन पर बेहद भावुक संदेश दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं।”

गौरतलब है कि शिबू सोरेन की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें 24 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा “शिबू सोरेन समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर आदिवासी समुदाय के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए जीवन भर संघर्षरत रहे। वे हमेशा जमीन से जुड़े रहे। उनके निधन से गहरा दुख हुआ है। ओम शांति।”

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कल्पना सोरेन को मैसेज कर शोक व्यक्त किया और कहा, “हमारी प्रार्थनाएं परिवार के साथ हैं।”

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा “शिबू सोरेन राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी समाज की सबसे बड़ी पहचान थे। उन्होंने हमेशा गरीबों और मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।”

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उन्हें “दलितों और आदिवासियों के महान नेता” बताया।

राजद नेता मनोज झा ने कहा “गुरुजी का जाना एक युग का अंत है। उन्होंने आदिवासी स्वाभिमान की राजनीति को मुख्यधारा में लाया।”