डिजिटल डेस्क- पंजाब के पूर्व डीजीपी और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पूर्व सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा ने अपने बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध मौत के बाद पहली बार मीडिया के सामने आकर चुप्पी तोड़ी। सहारनपुर के पैतृक गांव हरडा खेड़ी में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने परिवार पर लगे आरोपों को पूरी तरह से झूठा और राजनीति प्रेरित बताया। मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि उनके बेटे की मौत को लेकर फैल रही बातें तथ्यों पर आधारित नहीं हैं, बल्कि अफवाहों पर आधारित हैं। पूर्व डीजीपी ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं, वे बदले की भावना और राजनीतिक उद्देश्य से ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे परिवार पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं।
आरोप लगाने वाले व्यक्ति को किसी तरह से भी नहीं जानता
मुकदमा दर्ज कराने वाले शम्शुद्दीन चौधरी नाम के व्यक्ति को मैं जानता तक नहीं। इस व्यक्ति पर पहले भी करोड़ों रुपए के फ्रॉड के मामले दर्ज हैं। अब वही हमारी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।” मुस्तफा ने आगे कहा कि शम्शुद्दीन खुद रिश्तेदार होने का दावा कर रहा है, जबकि वह उनका परिचित भी नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि झूठ का मुकाबला किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति किसी पर गलत आरोप लगाता है, तो पुलिस का दायित्व है कि जांच करे। शम्शुद्दीन की शिकायत पर FIR दर्ज हुई है और पुलिस की जांच में जल्द ही सच सामने आ जाएगा।”
बेटे की मेडिकल स्थिति पर डाला प्रकाश
पूर्व डीजीपी ने अपने बेटे की मेडिकल स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अकील अख्तर को ड्रग्स की लत थी और उनकी 18 साल की मेडिकल हिस्ट्री है। “मेरे बेटे की समस्या पंजाब में व्यापक ड्रग्स एडिक्शन की तरह गंभीर थी। वह रात भर जागता, खाता और पीता था, दिन में सोता था। यह बेहद संवेदनशील मामला है।”
इन लोगों पर दर्ज है हत्या का मुकदमा
इस मामले में मोहम्मद मुस्तफा, उनकी पत्नी और बेटी सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। शिकायत करने वाले शम्शुद्दीन चौधरी ने पंचकूला पुलिस को बताया कि अकील अख्तर का 27 अगस्त का एक वीडियो साझा किया गया था, जिसमें कुछ गंभीर आरोप व्यक्त किए गए थे। शम्शुद्दीन का दावा है कि परिवार ने शव को पंजाब के मलेरकोटला में लाने के बजाय सहारनपुर भेजा, जो संदिग्ध है और इस पूरे मामले की जांच की आवश्यकता है।