जयपुर,राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के धरने पर बैठने से राजनीतिक गलियारों में मैमलै तूल पकड़ते नजर आ पहा है. भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर सचिन पायलट जयपुर के शहीद स्मारक पर मंगलवार सुबह 11 बजे से अपनी ही सरकार के खिलाफ मौन धारण कर अनशन पर बैठ गए हैं। वे शाम चार बजे तक अनशन करेंगे। अनशन स्थल पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की फोटो वाले पोस्टर नहीं है। न ही कांग्रेस का चुनाव चिन्ह ‘हाथ’ कहीं नजर आया। सिर्फ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो लगाई गई है। धरने में लगे पोस्टर में पार्टी का चुनाव चिन्ह व किसी भई वरिष्ठ नेता की फोचो न लगे पोने से पार्टी के अंदर भई हड़कंप मच गया है. साजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अनशन शुरू करने के साथ ही बड़े राजनीतिक संकेत मिलने लगे हैं।
सचिन पायलट के आगामी रुख को लेकर कांग्रेस में दो तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। एक पक्ष का मानना है कि पायलट के कांग्रेस में रहकर ही गहलोत के खिलाफ अभियान छेड़े रखेंगे । वहीं, दूसरा पक्ष आगामी समय में पायलट के खुद की पार्टी बनाने की संभावना जता रहा है। पायलट ने जिस तरह से भाजपा की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में 45 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए अपनी ही कांग्रेस सरकार द्वारा सवा चार साल के कार्यकाल में जांच नहीं करवाने को मुददा बनाया है उससे उनकी खुद की पार्टी बनाने की रणनीति माना जा रहा है। लेकिन अभी तक स्पष्ट कुछ भी नहीं हो पा रहा है.
धरने को लेकर प्रदेश प्रभारी और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पायलट के अनशन को पार्टी के हितों के खिलाफ माना जा रहा है। पार्टी विरोधी गतिविधि है। रंधावा के बयान से पार्टी के सख्त रूख का संकेत मिल रहा है। रंधावा को पायलट से बात करने के लिए पहले मंगलवार को जयपुर पहुंचना था, लेकिन अब वे बुधवार को जयपुर पहुंचेंगे। पायलट ने अपने समर्थक मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों और बोर्ड और निगमों के अध्यक्षों को रणनीति के तौर पर अनशन से दूर रखा ।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता आचार्य प्रमोद ने ट्विट कर विपक्ष पर साधा निशाना, उन्होंने लिखा कि बीजेपी के भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन किया जा रहा है, ऐसे में आंदोलन रंधावा जी वह पार्टी विरोधी कैसे हो गया है. अदाणी के भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस एकजुट होकर लड़ाई लड़ रही है, तो पार्टी वसुंधरा सरकार के घोटालों का समर्थन कैसे कर सकती है. हे महामात्य…पार्टी नेतृत्व को पार्टी नहीं बनना चाहिए.
अनशन स्थल पर देशभक्ति के गानों के बीच पायलट के समर्थक नाच रहे हैं। पायलट के फोटोयुक्त टी-शर्ट पहनकर पहुंचे समर्थक लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। युवाओं के साथ ही किसान व महिलाएं भी बड़ी संख्या में अनशन में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमा पायलट को गुर्जर समाज का नेता बताते हुए प्रचारित करता रहा है। ऐसे में मंगलवार को अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में विभिन्न समाजों के लोगों को रणनीति के तहत लाया गया। पायलट के अनशन पर बैठने के साथ ही राजस्थान कांग्रेस में खींचतान बढ़ गई है। आब देखने वाली बात यह होगी कि सचिन पायलट अपना अनशन कब तक आगे भी जारी रखेंगे व पार्टी के द्वारा क्या फैसला लिया जायेगा.