KNEWS DESK- भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की छह दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए। यह यात्रा 19 मई से 24 मई तक चलेगी, जिसमें वे इन तीनों यूरोपीय देशों के शीर्ष नेताओं और विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर चार दिन तक चले सैन्य तनाव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा की थी।
जयशंकर इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, उनकी बातचीत में सीमा पार आतंकवाद, पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को दिए जा रहे समर्थन, और हाल ही में भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संवेदनशील मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
गौरतलब है कि 6-7 मई की रात भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था, जिसमें 25 मिनट की अवधि में 24 मिसाइलें दागी गईं और नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया। इनमें से पांच ठिकाने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में और चार पाकिस्तान के भीतर थे। ये शिविर आतंकियों की भर्ती और प्रशिक्षण का केंद्र माने जाते थे। इस कार्रवाई में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्यों की मौत भी हुई थी।
भारत की इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी 8 से 10 मई के बीच भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। हालांकि, 10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति बनी।
जयशंकर की यह यात्रा न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने की उम्मीद जगा रही है, बल्कि यह भारत की वैश्विक कूटनीतिक सक्रियता को भी दर्शाती है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस यात्रा के दौरान जयशंकर अपने समकक्षों को भारत की हालिया सुरक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों से अवगत कराएंगे। विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा भारत की कूटनीति को मजबूती देने के साथ-साथ यूरोप के साथ रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को भी नई ऊंचाई देगा। साथ ही, यह दौरा भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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