KNEWS DESK- सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 8 जनवरी को बिलकिस बानो केस को लेकर सुनवाई हुई। जस्टिस नागरत्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सजा इसलिए दी जाती है कि भविष्य में अपराध रुके। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका को निरस्त कर दिया है। अब इस मामले पर राजनीति होना शुरू हो गया है। शीर्ष अदालत के इस फैसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ”चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है. आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है। बिलकिस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी बीजेपी सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है.” सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मुकदमा महाराष्ट्र में चला था इसलिए गुजरात सरकार दोषियों की रिहाई पर फैसला नहीं ले सकती थी।
चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है।
आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है।
बिलकिस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी भाजपा सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 8, 2024
क्या है पूरा मामला?
2002 के गुजरात दंगों के दौरान दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की बिलकिस अपने परिवार के 16 सदस्यों के साथ भाग कर पास के गांव छापरवाड के खेतों में छिप गई थी। 3 मार्च 2002 को वहां 20 से अधिक दंगाइयों ने हमला बोल दिया था। 5 माह की गर्भवती बिलकिस समेत कुछ और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। बिलकिस की 3 साल की बेटी समेत 7 लोगों की हत्या कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र ट्रांसफर किया था मुकदमा
आरोपियों की तरफ से पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने की शिकायत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा महाराष्ट्र ट्रांसफर कर दिया था। 21 जनवरी 2008 को मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट ने 11 लोगों को उम्र कैद की सजा दी। 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा।
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