KNEWS DESK- शनिवार को महाकुंभ के संगम पर आस्था का सैलाब और भी बढ़ गया। श्रद्धालुओं का रेला हर मार्ग पर देखा गया, और आस्था का जनज्वार इस हद तक बढ़ चुका था कि दिन के 12 बजे तक ही 71 लाख से अधिक लोग संगम में स्नान कर चुके थे। इसके साथ ही, महाकुंभ में कुल स्नानार्थियों की संख्या 60 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई, जो इस आयोजन की भव्यता और श्रद्धालुओं की आस्था को दर्शाता है।
महाकुंभ के समापन में अब केवल चार दिन ही शेष रह गए हैं, और इसके बाद साप्ताहिक अवकाश भी रहेगा। ऐसे में शनिवार को भीड़ की संभावना पहले से जताई जा रही थी, जो शुक्रवार शाम से ही दिखने लगी थी। श्रद्धालुओं का रेला शुक्रवार रात से ही संगम की ओर बढ़ने लगा था। शनिवार की सुबह तक हर प्रमुख मार्ग पर श्रद्धालुओं का उत्साह साफ देखा जा सकता था।
स्नानार्थियों की बढ़ती संख्या
मेला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को दिन के 12 बजे तक 71.18 लाख लोग संगम में डुबकी लगा चुके थे। वहीं, शुक्रवार तक इस आयोजन में कुल 59.31 करोड़ लोग स्नान कर चुके थे। शनिवार को दोपहर तक ही यह आंकड़ा 60.02 करोड़ के पार पहुंच गया, और इसके बाद भी श्रद्धालुओं का आना जारी था।
महाकुंभ के आयोजन में एक खास बात यह रही कि 41 दिनों में से 23 दिन ऐसे थे जब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। इनमें से सात दिन तो ऐसे थे जब दो करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। 26 जनवरी से 22 फरवरी के बीच, यानि 28 दिनों में से 21 दिन ऐसे थे, जब एक करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके थे।
आस्था और श्रद्धा का अद्वितीय संगम
महाकुंभ का यह आयोजन दुनिया भर के श्रद्धालुओं को एक साथ लाने वाला एक अद्वितीय उदाहरण है, जहां हर दिन आस्था और श्रद्धा का अद्वितीय संगम देखा जाता है। आगामी चार दिनों तक यह सिलसिला और बढ़ने की उम्मीद है, और श्रद्धालु संगम पर अपनी आस्था की डुबकी लगाने के लिए लगातार पहुंचते रहेंगे।
महाकुंभ का समापन होने वाला है, लेकिन इस आयोजन की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रहेगी। यह आयोजन न केवल भारत की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि पूरी दुनिया को एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है।
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