KNEWS DESK – भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ा फैसला लेते हुए बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. फिलहाल वे बिहार में नगरीय विकास और आवास मंत्री हैं और पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. इस नई जिम्मेदारी के साथ नितिन नबीन अब राष्ट्रीय राजनीति में भी अहम भूमिका निभाएंगे. बीजेपी के भीतर उन्हें एक युवा, सक्रिय और संगठन को मजबूत करने वाले नेता के तौर पर देखा जाता है.
नितिन नबीन का जन्म 23 मई 1980 को पटना में हुआ था. उनके पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा भी विधायक रह चुके थे और जेपी आंदोलन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता थे. वे बीजेपी के शुरुआती सदस्यों में शामिल थे. पिता के निधन के बाद नितिन नबीन ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा. उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री जैसे अहम पदों पर काम किया है, जिससे संगठन में उनकी पकड़ मजबूत हुई.
नितिन नबीन ने 2006 में पहली बार बांकीपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने. इसके बाद 2010, 2015, 2020 और 2025 के विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज करते हुए उन्होंने पांचवीं बार इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा. 2020 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार लव सिन्हा को हराया था. लगातार चुनावी सफलता ने उन्हें बिहार बीजेपी के मजबूत चेहरों में शामिल कर दिया है.
सरकार में नितिन नबीन की जिम्मेदारियां भी अहम रही हैं. वर्तमान में वे नगरीय विकास और आवास मंत्री हैं, जबकि इससे पहले वे पीडब्ल्यूडी मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं. इसके अलावा पार्टी संगठन में भी उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारियां मिलीं. वे पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीजेपी के प्रभारी और पर्यवेक्षक रहे हैं. खासतौर पर सिक्किम में उनके संगठनात्मक काम की काफी सराहना हुई थी. अब राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है.
2025 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे के मुताबिक नितिन नबीन की उम्र 45 साल है और वे 12वीं पास हैं. उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 3.1 करोड़ रुपये घोषित की है, जिसमें 1.6 करोड़ रुपये की चल और 1.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है. उन पर करीब 56.7 लाख रुपये की देनदारी भी है. इसके अलावा उन्होंने अपनी आय और लंबित मामलों का भी विवरण दिया था.
नितिन नबीन कायस्थ समुदाय से आते हैं, जिसकी आबादी बिहार में कम मानी जाती है, लेकिन यह समुदाय लंबे समय से बीजेपी का कोर वोट बैंक रहा है. उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने न सिर्फ एक युवा चेहरे को आगे बढ़ाया है, बल्कि सामाजिक संतुलन और संगठनात्मक मजबूती का भी संदेश दिया है. पार्टी के भीतर माना जा रहा है कि उनके अनुभव और ऊर्जा से बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर नई मजबूती मिलेगी.