KNEWS DESK- हरियाणा की पंद्रहवीं विधानसभा के पहले सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव का नजारा देखने को मिला। सदन में नेताओं के बीच कटाक्ष तो हुए ही, साथ ही ठहाकों की गूंज भी सुनाई दी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और कैबिनेट मंत्री अनिल विज आमने-सामने आ गए, जब स्पीकर के पदभार ग्रहण समारोह में विपक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया। इस पर हुड्डा ने वाॅकआउट करने की चेतावनी तक दे डाली।
विपक्ष की आपत्ति
स्पीकर के चयन के बाद पदभार ग्रहण करने के समय विपक्ष को बुलाए जाने पर पूर्व सीएम हुड्डा ने कड़ी आपत्ति जताई। हुड्डा ने कहा, “हमें क्यों नहीं बुलाया गया?” इस पर अनिल विज और हुड्डा के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने स्थिति को संभालते हुए हुड्डा और विपक्ष के अन्य सदस्यों को स्पीकर के पास ले जाने का प्रयास किया।
अनिल विज का हमला
बिजली और परिवहन मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि पूर्व स्पीकर ने 2009 से 2014 के रिकॉर्ड को न देखा तो यह उचित होगा। उन्होंने स्पीकर हरविंद्र कल्याण से आग्रह किया कि उस अवधि के रिकॉर्ड को ब्लैक आउट कर दें। विज ने कहा, “यह ऐसी विधानसभा थी जिसमें मुझे सबसे अधिक बार बाहर निकाला गया।”
हुड्डा का पलटवार
हुड्डा ने विज के इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि शायद विज का व्यवहार ही ऐसा रहा होगा कि उन्हें बाहर निकाला गया। इसके अलावा, जब विज ने विकास कार्यों का जिक्र किया, तो हुड्डा ने कहा कि इस पर चर्चा अगले सत्र में होनी चाहिए। विज ने जवाब देते हुए कहा, “हुड्डा साहब, आपके पास जो कुछ था, हरियाणा की जनता ने उस पर कांटा लगा दिया है।”
हुड्डा के बार-बार कहने पर कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वे वाॅकआउट कर देंगे, सदन में तनाव का माहौल बन गया। हुड्डा ने स्पीकर को सुझाव दिया कि “दो आदमियों को कंट्रोल कर लो, पूरा सदन सही से चलेगा।” ये दो व्यक्ति थे महिपाल सिंह ढांडा और अनिल विज। इस प्रकार, हरियाणा विधानसभा का पहला सत्र राजनीतिक गर्मागर्मी और तीखी नोक-झोंक के साथ शुरू हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
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