KNEWS DESK- केंद्र सरकार के द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला नया आयकर विधेयक 2025, लोकसभा में गुरुवार को पेश किया जाएगा, जिसे लेकर लंबे समय से उम्मीदें जताई जा रही थीं। इस विधेयक के साथ आयकर कानून को सरल बनाने की कोशिश की जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले इस विधेयक में आयकर कानून की भाषा को सरल और समझने में आसान बनाने का प्रयास किया गया है।
विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें प्रमुख है ‘कर निर्धारण’ और ‘पिछले वर्ष’ जैसी शब्दावली के स्थान पर ‘टैक्स ईयर’ शब्द का उपयोग। इसके अलावा, कई जटिल प्रावधानों और स्पष्टीकरणों को हटाया गया है, जिससे करदाताओं के लिए इसे समझना और पालन करना सरल होगा।
नए आयकर विधेयक में कुल 536 धाराएं, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां शामिल हैं। यह विधेयक 622 पेज का है और इसमें किसी भी प्रकार का नया कर लगाने की योजना नहीं है। इसका उद्देश्य मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की जटिलताओं को दूर करना है। पुराना आयकर अधिनियम 1961 के तहत 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां थीं, और जब यह अधिनियम पेश हुआ था, तो इसकी लंबाई 880 पेज थी।
नया आयकर विधेयक 2025 आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा और यह कानून करदाताओं के लिए और भी सरल और प्रभावी होगा। यह परिवर्तन वित्तीय वर्ष 2025 से लागू होगा, जिससे कर भुगतान की प्रक्रिया और अधिक सुसंगत हो सकेगी।
सरकार का यह कदम यह संकेत देता है कि देश में टैक्स प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह सुधार देश के करदाताओं के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है, जो अब अपने कर निर्धारण को पहले से कहीं अधिक सरल और स्पष्ट तरीके से समझ पाएंगे। यह विधेयक अब देश के कर कानूनों में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है, जिसमें जटिलताओं की बजाय सरलता और पारदर्शिता पर जोर दिया गया है।
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