KNEWS DESK – बजट सत्र के सातवें दिन लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के इस दावे को ‘भ्रामक’ करार दिया कि अगर बजट भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं लिया जाता है, तो उसे कोई बजटीय आवंटन नहीं मिलता है। लोकसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि किसी भी राज्य को पैसे देने से मना नहीं किया जा रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि अतीत में यूपीए सरकार के बजट में भी सभी राज्यों के नाम नहीं लिए गए थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष को दिया जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के दावे को ‘भ्रामक’ करार दिया| सीतारमण ने कहा, “मैं 2004-2005, 2005-2006, 2006-2007, 2007-2008 और इसी तरह के बजट भाषणों को पढ़ रही हूं। 2004-2005 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था। मैं उस समय यूपीए सरकार के सदस्यों से पूछना चाहती हूं – क्या उन 17 राज्यों को पैसा नहीं दिया गया? क्या उन्होंने इसे रोक दिया?”
वह कई विपक्षी सदस्यों की टिप्पणियों का जवाब दे रही थीं कि बजट में केवल बिहार और आंध्र प्रदेश को ही धन दिया गया है और अन्य राज्यों को कुछ नहीं दिया गया है। बजट ने इस वर्ष केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को 17,000 करोड़ रुपये की पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसमें जम्मू और कश्मीर पुलिस की लागत के वित्तपोषण के लिए 12,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। सीतारमण ने कहा कि यही वह बोझ है जिसे हम अपने कंधों पर लेना चाहते हैं|
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