डिजिटल डेस्क- सदर कोतवाली क्षेत्र के महात्मा गांधी परास्नातक महाविद्यालय के परिसर में लगी दीपावली पटाखा मंडी रविवार दोपहर 12:30 बजे अचानक आग की लपटों में झुलस गई। देखते ही देखते 65 आतिशबाजी की दुकानें पूरी तरह जलकर राख हो गईं। आग और धमाकों के चलते पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। धुएं का काला गुबार दूर से ही दिखाई दे रहा था, जिससे इलाके में डर और हड़कंप का माहौल बन गया। मिली जानकारी के अनुसार, महाविद्यालय के मैदान में इस बार दीपावली के मद्देनजर पटाखों की दुकानें लगी थीं और लोग दोपहर में यहां आतिशबाजी खरीदने आ रहे थे। इसी दौरान एक दुकान में आग लग गई और आग ने एक के बाद एक अन्य दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इससे मौके पर मौजूद दुकानदार, ग्राहक और अन्य लोग डर के मारे भागने लगे। भगदड़ मचने के कारण कई लोग चोटिल भी हुए। कुछ दुकानदारों और ग्राहकों के झुलसने की भी जानकारी सामने आई है, हालांकि इसकी अधिकारी पुष्टि अभी नहीं हुई है।
500 मीटर की दूरी पर फायर स्टेशन, पहुंचने में लगे 30 मिनट
दमकल की कई गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने का प्रयास किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि महाविद्यालय से फायर ब्रिगेड केवल 500 मीटर की दूरी पर है, बावजूद इसके आग पर नियंत्रण में लगभग 30 मिनट का समय लग गया। इसके पीछे दमकल वाहनों में तकनीकी खराबी की भी चर्चा है। आग पर काबू पाने के प्रयास के दौरान पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियां भांजनी पड़ीं।
सभी दुकानें जलकर राख
एडीएम अविनाश पांडेय ने बताया कि आग के कारण सभी दुकानें जलकर राख हो गई हैं और अभी तक किसी के मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है। घटना में अनुमानित करोड़ों का नुकसान हुआ है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। वहीं, अग्निशमन विभाग के अधिकारियों से इस घटना पर प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। स्थानीय दुकानदार और लोग इस घटना से काफी परेशान हैं। कई लोगों ने कहा कि सुरक्षा इंतजाम पर्याप्त नहीं थे, और आग फैलने की शुरुआती चेतावनी पर भी तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी गई। हादसे के बाद इलाके में सख्त सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी गई है।