KNEWS DESK- पंजाब में किसानों को बॉर्डर से हटाए जाने को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि “यह देखना बहुत दुखद है कि हमारे देश के अन्नदाता किसानों का अपमान किया जा रहा है। देश के किसानों को पीटा जा रहा है, उनके अधिकार छीने जा रहे हैं और ध्यान भटकाने के लिए पूरे देश में नफरत फैलाई जा रही है।” उनका यह बयान उस समय आया है जब पंजाब के विभिन्न इलाकों में किसानों द्वारा बॉर्डर को जाम किया गया था, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं।
इस बीच, पंजाब के मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “कल पंजाब में सीमा जाम करने वाले किसानों पर पुलिस या सरकार की ओर से कोई बल प्रयोग या दबाव नहीं डाला गया। यह एक शांतिपूर्ण प्रक्रिया थी और किसानों ने सम्मानपूर्वक अनुरोध किए जाने के बाद सहयोग किया।” उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि स्थिति शांतिपूर्ण थी, लेकिन सोशल मीडिया पर किसानों की इस कार्रवाई को लेकर विभिन्न आपत्तिजनक टिप्पणियाँ आ रही थीं, जो समाज में नफरत और नकारात्मकता फैला सकती हैं।
तरुणप्रीत सिंह ने यह भी टिप्पणी की कि सोशल मीडिया पर अक्सर घटनाओं से जुड़े वीडियो और अपडेट के साथ नकारात्मक और कठोर टिप्पणियाँ साझा की जाती हैं, जो केवल स्थिति को और जटिल बनाती हैं। उनका कहना था कि यह स्थिति को और भी बदनाम करने का काम करती है, जबकि असल में यह पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और विनम्र तरीके से की गई थी।
इस घटना ने एक बार फिर पंजाब में किसानों की स्थिति और उनके अधिकारों को लेकर राजनीतिक चर्चा को तूल दे दिया है। जहां एक ओर किसानों के प्रतिनिधि इसे उनके अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार और स्थानीय प्रशासन इसे शांति व्यवस्था बनाए रखने का कदम मानते हैं। इस मामले में आगे और क्या प्रतिक्रियाएँ आती हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
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