Farmer Protest: दिल्ली कूच करने की कोशिश में 60 से अधिक किसानों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, मांगों को लेकर जेल भरो आंदोलन जारी

KNEWS DESK – 10 फीसदी भूखंड देने और अन्य मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत शनिवार को किसानों ने दिल्ली कूच करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें परी चौक पर रोक लिया और 60 से अधिक किसानों और महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए किसानों को लुकसर जेल भेजा गया, जहां वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिए हुए हैं।

नारेबाजी करते हुए दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश

आपको बता दें कि किसान जत्थों के रूप में परी चौक पहुंचे और नारेबाजी करते हुए दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने किसानों को चारों ओर से घेर लिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की यह कार्रवाई तब हुई जब करीब 12 बजे तुगलपुर गांव से 30 से अधिक किसान और महिलाएं नारेबाजी करते हुए परी चौक पर पहुंचे। पुलिस ने उन्हें रोककर गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।

इसके बाद, दादरी के एनटीपीसी के पास स्थित गांवों से भी किसान और महिलाएं नारेबाजी करते हुए परी चौक पहुंचे। इनमें 40 से अधिक महिलाएं भी शामिल थीं। महिलाओं को गिरफ्तार करते समय पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। कई महिलाएं जमीन पर बैठकर नारेबाजी करती रही, लेकिन पुलिस ने उन्हें उठाकर बस से जेल भेज दिया।

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पुलिस और प्रशासन पर तानाशाही का आरोप

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की तानाशाही चल रही है। उनका आरोप है कि आंदोलन को दबाने के लिए उनके नेताओं को जेल में डाला जा रहा है, लेकिन किसान अपना हक लेकर रहेंगे। उनका कहना है कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता। किसानों की प्रमुख मांग 10 फीसदी भूखंड का आवंटन है, जो उन्हें विकास परियोजनाओं के लिए देने की मांग की जा रही है। इसके अलावा, किसानों ने अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है।

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जेल भरो आंदोलन जारी रहेगा

किसान नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि उनका जेल भरो आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता। उनका कहना है कि उनकी आवाज को दबाने की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी और वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। पुलिस की ओर से किसानों को गिरफ्तार किए जाने के बावजूद किसान समुदाय के अंदर इस आंदोलन को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। वे अपनी मांगों को लेकर एकजुट हैं और उनका कहना है कि वे किसी भी हालत में अपनी हक की लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।

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