‘दोस्ती के हर प्रतीक पर हमला, अब चुप रहना मुश्किल’, बांग्लादेश में हिंसा और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर शशि थरूर की प्रतिक्रिया

KNEWS DESK- भारत के कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश में जारी हिंसा और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस स्थिति को बेहद दुखद और चिंताजनक बताया, और बांग्लादेश में हो रही अराजकता पर चिंता जाहिर की।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत में रहने वालों के लिए बांग्लादेश के साथ दोस्ती के प्रतीकों पर हो रहे हमलों के बीच उदासीन रहना मुश्किल है। यह एक बहुत ही नकारात्मक संकेत है। बांग्लादेश के लोकतांत्रिक क्रांति को अराजकता में बदलते हुए देखना बेहद दुखद है, खासकर जब अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदू अल्पसंख्यकों, को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने बांग्लादेश के विभिन्न संस्थानों में की जा रही तोड़फोड़ की निंदा की और कहा कि भारतीय सैनिकों के सामने पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की प्रतिमा का तोड़ा जाना और भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की बर्बादी भारत के लिए एक बड़ा आघात है। थरूर ने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाएं बांग्लादेश के लिए भी हानिकारक हैं और लोकतंत्र की बहाली की प्रक्रिया को कमजोर करती हैं।

बांग्लादेश में हालात

5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से देश में अस्थिरता और हिंसा का माहौल बना हुआ है। बांग्लादेशी सेना और अल्पसंख्यक हिंदुओं के बीच संघर्ष की खबरें आ रही हैं, खासकर ढाका में जमुना स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान। हिंदू समुदाय के लोग लापता परिवार के सदस्यों की तस्वीरें लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके दौरान सेना से झड़पें हुईं।

मोहम्मद यूनुस की पहल

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने ढाका में ऐतिहासिक ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सभी के अधिकार समान हैं। हम सभी एक ही व्यक्ति हैं और हमारे पास समान अधिकार हैं। कृपया हमारी सहायता करें और धैर्य रखें। उनकी यात्रा के बाद, मंदिर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुस्लिम और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों ने सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने पर चर्चा की। यह बैठक दोनों समुदायों के बीच खुली बातचीत का एक मंच प्रदान करती है और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सांप्रदायिक तनाव को कम करने की दिशा में काम करती है। बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले न केवल वहां की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। शशि थरूर और मोहम्मद यूनुस जैसी हस्तियों की पहल इस संकट को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बांग्लादेश में सभी समुदायों के अधिकार और सुरक्षा की गारंटी हो।

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