KNEWS DESK- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य की मृत्यु अनिवार्य है। आने-जाने के इस क्रम में महत्वपूर्ण यह है कि जीवन के प्रत्येक क्षण का उपयोग मानव सेवा के लिए किया जाए। यह मनुष्य का सौभाग्य है कि इस धरती पर आदिकाल से परमात्मा की लीला देखने को मिलती रही है। हमारे 33 करोड़ देवी-देवताओं ने सदियों तक अपनी आभा बिखेरी है। इतनी कि इसके लिए हमारा अम्बर भी कम पड़ जाए। हमारे बीच देवता विभिन्न रूप में आते हैं। हम उन्हें पहचानें या न पहचानें, वे हमारे बीच रहते हैं। ऐसे ही देवता नीब करौरी वाले बाबा हैं। इनको मानने वालों में देश- विदेश के करोड़ों लोग शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज शाम रविन्द्र भवन बहिरंग में अनंत विभूषित बाबा नीब करौरी महाराज के 125वें प्राकट्योत्सव को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा नीब करौरी महाराज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संत-महंत की अपनी महत्ता है। उनके जीवन के रहस्यों को जानना मुश्किल भी है। इनका जब मनुष्यों से साक्षात्कार होता है तो लोग अपने जीवन में परिवर्तन होते देखते हैं। निश्चित ही इससे आस्था की जड़ें गहरी हो जाती हैं। वास्तव में सारी सत्ताओं के ऊपर एक सत्ता है जो परम सत्ता है। जीवन के आरोह-अवरोह में हमें उमड़ते-घुमड़ते प्रश्नों का उत्तर भी मिल जाता है। ऐसी व्यवस्थाओं को जोड़कर सनातन धर्म की परम्परा राष्ट्र के गौरव में वृद्धि करती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वामी विवेकानंद का स्मरण करते हुए कहा कि स्वामी जी के जीवन का वह पक्ष भी जानने योग्यव है जब वे बी.एससी. के विद्यार्थी थे और कभी इन व्यवस्थाओं पर विश्वास नहीं करते थे। उन्हें गुरू के रूप में रामकृष्ण परमहंस मिले, जिन्होंने उनका काली मां से सीधा परिचय करवा दिया। स्वामी विवेकानंद को सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी हुआ। इसी तरह जीवन में परिवर्तन का अनुभव नीब करौरी वाले बाबा और अन्य संतों के दर्शन के पश्चात लोगों में दिखाई देता है। सच्चे अर्थों में देवी देवताओं से मिलकर भक्ति की शक्ति मिल जाया करती है।