KNEWS DESK- यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और घायलों को हाथरस और एटा के अस्पतालों में रखा गया है। सत्संग भोले बाबा का था जिसके लिए 50 हजार से ज्यादा की भीड़ इकट्ठा थी। सत्संग खत्म होने के बाद एक साथ लोग निकल रहे थे। हॉल छोटा था और गेट पतला था। पहले निकलने के चक्कर में भगदड़ मच गई। इस दौरान लोग एक- दूसरे पर गिर पड़े।
इस बीच यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि ये मुसीबत के लिए दावतनामा दिया गया था क्योंकि वहां जो इंतजाम होने चाहिए थे वो नहीं किए गए थे। एबुलेंस व्यवस्था तो छोड़ दीजिए, जो बेसिक पुलिस, अग्निशमन व्यवस्था होनी चाहिए वो तक नहीं थी। अब इसका जवाब कौन देगा? ये क्लेम करते हैं कि पहले इंटेलिजेंस में थे, सिपाही थे फिर वीआरएस ले लिया। इनके ऊपर कई मुकदमें लिखे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए था कि ये जो चमत्कारी बाते करते हैं कि ये कानूनी दंडनीय अपराध भी है मैजिक रेमेडीज एक्ट के अंतर्गत और इस तरीके से पानी पिला के लोगों को भ्रम की स्थिति उत्पन्न करना इनके ऊपर भी कई केस हैं।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि अगर 100 से ज्यादा मौतें हो गई तो ये नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी किसकी होगी? बाबा तो वो है कम से कम उसमें कुछ स्पिरिचुअल कॉन्टेंट तो होना चाहिए। इनके ऊपर छह मुकदमें हैं जिसमें यौन शोषण भी है। काहे बात के बाबा, कौन से बाबा? चलिए मान लीजिए बाबा हैं बडे़ पूजनीय हैं, कम से कम वहां बेसिक पुलिस व्यवस्था, आवागमन के रास्ते और अगर वहां कोई आपदा विपदा होती है तो आपने कोई इमरजेंसी संबंधित व्यवस्था तो होनी चाहिए। ये अत्यधिक चिंता और रोक का विषय है। उन्होंने कहा कि बाबा का आडंबर कोई ओढ़ के आ जाए तो वो ऐसा लगता है कि साक्षात नारायण का अवतार है, दुर्भाग्य यही है जिसके ऊपर 6-7 अपराध हों, यौन शोषण के अपराध हों वो अपने आप को चमत्कारी बता रहा है। मैं इस बात से सहमत नहीं हूं। स्थानीय प्रशासन पर इसकी जिम्मेदारी होनी चाहिए थी।
प्रशासन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
जनपद हाथरस में हुई दुर्घटना के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा घटना की स्थिति पर दृष्टि बनाते हुए आम लोगों की सहायता हेतु हेल्पलाइन 05722227041 तथा 05722227042 जारी किये गए हैं।