एपस्टीन की फाइल्स आज होगी रिलीज, दुनिया में हलचल, भारत पर भी पड़ सकता है असर?

शिव शंकर सविता- यौन उत्पीड़न और नाबालिगों की तस्करी के आरोपी अमेरिकी फाइनेंसर जेफ्री एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों के सार्वजनिक होने की घड़ी बेहद करीब आ चुकी है। अमेरिकी संसद की मंजूरी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सहमति के बाद इन चर्चित फाइल्स को 19 दिसंबर तक जारी किया जाना है। भारतीय समयानुसार ये दस्तावेज 19 या 20 दिसंबर तक सामने आ सकते हैं। ऐसे में पूरी दुनिया की निगाहें अब ‘एपस्टीन फाइल्स’ पर टिकी हुई हैं। दरअसल, जेफ्री एपस्टीन सिर्फ एक हेज फंड मैनेजर नहीं था, बल्कि उसकी पहुंच अमेरिका की राजनीति, बड़े कारोबारी घरानों और ग्लैमर वर्ल्ड तक बताई जाती है। कहा जाता है कि वह ताकतवर नेताओं, हॉलीवुड सितारों और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के बेहद करीब था। इसी वजह से जब 2005 में उसके खिलाफ नाबालिग से यौन उत्पीड़न का पहला मामला सामने आया, तो जांच के दौरान उसके संपर्कों को लेकर कई गंभीर सवाल उठे। उस समय कई पीड़ितों के बयान, पूछताछ के दस्तावेज और सबूत दर्ज किए गए, लेकिन इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया। यही दस्तावेज आज ‘एपस्टीन फाइल्स’ के नाम से जाने जाते हैं। माना जा रहा है कि इन फाइल्स में एपस्टीन के संदेश, ईमेल, डायरी, यात्राओं का ब्योरा और उन लोगों के नाम शामिल हैं, जिनसे उसका करीबी संपर्क था। अगर ये सभी दस्तावेज सार्वजनिक होते हैं, तो कई प्रभावशाली चेहरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इससे न केवल अमेरिका की राजनीति में भूचाल आ सकता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसके गंभीर असर देखने को मिल सकते हैं।

कौन था जेफ्री एपस्टीन?

न्यूयॉर्क में जन्मे एपस्टीन ने अपने करियर की शुरुआत एक स्कूल शिक्षक के रूप में की थी। बाद में वह बैंकिंग और वित्तीय दुनिया में पहुंचा और देखते ही देखते बेहद अमीर और ताकतवर लोगों के बीच अपनी जगह बना ली। 2005 में फ्लोरिडा में नाबालिग से यौन शोषण के आरोप लगने के बाद उसकी काली करतूतें सामने आने लगीं। जांच में सामने आया कि उसने दर्जनों नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण किया। 2008 में उसे सजा भी हुई, लेकिन एक विवादास्पद डील के चलते वह कम समय में जेल से बाहर आ गया। जुलाई 2019 में उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया, लेकिन मुकदमे के दौरान ही अगस्त 2019 में न्यूयॉर्क की जेल में उसकी मौत हो गई।

एपस्टीन फाइल्स में किन-किन के नाम?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फरवरी 2025 में सामने आए अमेरिकी न्याय विभाग के एक दस्तावेज में डोनाल्ड ट्रंप, माइकल जैक्सन, एलेक बाल्डविन और हार्वे वाइंस्टीन जैसे बड़े नामों का जिक्र एपस्टीन की संपर्क सूची में बताया गया था। हालांकि, इन नामों की संलिप्तता को लेकर अब तक कोई ठोस निष्कर्ष सार्वजनिक नहीं किया गया है। फाइल्स के रिलीज होने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि कौन सिर्फ संपर्क में था और कौन किसी अपराध में शामिल।

भारत पर क्या पड़ सकता है असर?

एपस्टीन फाइल्स के खुलासे का असर भारत में भी देखने को मिल सकता है। सबसे पहले, भारत में यौन उत्पीड़न और मानव तस्करी जैसे मामलों पर वैश्विक बहस तेज होगी। इससे कानूनों को और सख्त करने तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की मांग जोर पकड़ सकती है। दूसरे, अगर इन फाइल्स में किसी भारतीय नागरिक, कारोबारी या अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े नाम सामने आते हैं, तो भारतीय एजेंसियां भी सतर्क हो सकती हैं। तीसरे, मीडिया और सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर व्यापक चर्चा होगी, जिससे आम लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और प्रभावशाली लोगों की जवाबदेही पर सवाल उठेंगे।

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