उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगा चुनाव आयोग, सरकार को नहीं है इसकी जल्दबाजी

KNEWS DESK- देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक नए उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जा सकती है।

धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया है। चूंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं, इसलिए यह पद भी अस्थायी रूप से खाली हो गया है। मंगलवार सुबह राज्यसभा की कार्यवाही उपसभापति हरिवंश ने शुरू की। धनखड़ न तो कार्यवाही में शामिल हुए और न ही किसी तरह का विदाई भाषण दिया गया। इस बात से संकेत मिलते हैं कि सरकार उनके इस्तीफे के समर्थन में थी।

आमतौर पर उच्च पदों से विदा लेने वाले व्यक्तियों के लिए एक औपचारिक विदाई समारोह और धन्यवाद ज्ञापन होता है, लेकिन धनखड़ के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। सदन में गृह मंत्रालय की अधिसूचना पढ़ी गई और पीठासीन अधिकारी घनश्याम तिवारी ने इस्तीफे को रिकॉर्ड में लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं आई, सिर्फ एक औपचारिक वक्तव्य जारी किया गया।

सूत्रों की मानें तो जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा में स्वीकार करना ही धनखड़ के इस्तीफे की मुख्य वजह बन गया। सरकार इस प्रस्ताव को लोकसभा में लाने की योजना बना रही थी, जहां विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सांसदों के हस्ताक्षर थे, जिससे इसे निष्पक्ष बताया जा सकता था। लेकिन राज्यसभा में विपक्ष ने सरकार को साथ नहीं लिया और प्रस्ताव केवल विपक्षी सांसदों के समर्थन से लाया गया।

सरकार को यह कदम असहज करने वाला लगा और इसे सत्तापक्ष के प्रस्ताव को कमजोर करने की रणनीति माना गया। इससे नाराज होकर सरकार ने न तो धनखड़ की विदाई में रुचि दिखाई, न ही उनकी भूमिका की प्रशंसा की।

संविधान के अनुच्छेद 68(2) के तहत, उपराष्ट्रपति की रिक्ति होने पर “यथाशीघ्र” चुनाव कराया जाना चाहिए, लेकिन इसके लिए कोई सख्त समयसीमा नहीं है, जैसा कि राष्ट्रपति पद के मामले में छह महीने की बाध्यता है। माना जा रहा है कि सरकार फिलहाल संसद के मौजूदा सत्र के दौरान चुनाव कराने की जल्दबाजी में नहीं है।

उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ को लुटियन दिल्ली में नया सरकारी आवास आवंटित किया जाएगा। सुरक्षा प्रोटोकॉल मौजूदा मानदंडों के अनुसार जारी रहेगा।

महाभियोग प्रस्ताव पर सरकार और विपक्ष के बीच गहराता मतभेद धनखड़ के इस्तीफे की मुख्य पृष्ठभूमि बन गया। भाजपा सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा में विपक्ष के नोटिस के बाद एनडीए के सांसदों से भी हस्ताक्षर जुटाने का प्रयास किया गया, जिससे पूरे मसले को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई। इस घटनाक्रम को कई भाजपा नेताओं ने “चौंकाने वाला और रणनीतिक रूप से भ्रम पैदा करने वाला” बताया।