KNEWS DESK- 6 अक्टूबर यानि आज चुनाव आयोग NCP का असली बॉस तय करेगा। जी हां आपको याद दिला दें कि NCP यानि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के दावों को लेकर शरद पवार और अजित पवार के गुट की ओर से याचिका डाली गई थी जिसके बाद आज चुनाव आयोग इस मामले पर फैसला करेगा।
ये है पूरा मामला
इस विवाद की शुरूआत तब हुई जब अजित पवार ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इसके बाद अजित ने एनसीपी पर अपना दावा भी ठोक दिया। भतीजे की इस चाल के खिलाफ चाचा शरद पवार ने चुनाव आयोग का रुख किया। अब दोनों गुटों को चुनाव आयोग के सामने अपना-अपना पक्ष रखना है। इससे पहले निर्वाचन आयोग ने शरद पवार गुट के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था। अजित पवार गुट की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि अजित पवार को एनसीपी का अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए और चुनाव चिह्न आदेश, 1968 के प्रावधानों के तहत पार्टी का प्रतीक चिह्न भी आवंटित कर देना चाहिए।
शरद पवार ने कहा ये
शरद पवार ने कहा कि एनसीपी की स्थापना किसने की और पार्टी किसकी है ये सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं। इसके बाद भी पार्टी को हथियाने की कोशिश की जा रही है। फैसला चाहे जो भी हो लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैंने कई बार अलग-अलग चुनाव चिह्नों पर चुनाव लड़ा है और जीता भी है।
अजित पवार ने दिया बयान
जानकारी के लिए आपको बता दें कि अजित पवार का कहना है कि चुनाव आयोग का जो भी फैसला होगा उसे स्वीकार किया जाएगा।
अब तक हुआ ये
नवंबर 2019 में बीजेपी के साथ सरकार बनाने की असफल कोशिश के बाद शरद पवार ने अजित पवार को पूरी तरह से किनारे कर दिया था। 2 जुलाई 2023 को अजित पवार ने शिवसेना (शिंदे ग्रुप) + बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। 5 जुलाई, 2023 को चुनाव आयोग को अजित पवार की ओर से पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा करने वाली एक याचिका और उनके गुट के सांसदों और विधायकों से उनके समर्थन में 40 हलफनामे मिले। शरद पवार गुट ने कैविएट दाखिल कर पहले याचिका पर सुनवाई करने का आग्रह किया था।
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