KNEWS DESK- कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यह संवाददाता सम्मेलन कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हॉल में आयोजित किया गया। इसमें राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने दावा किया कि चुनाव परिणामों में हेराफेरी की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद ही चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया दी।
राहुल गांधी के आरोप
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम इस टेबल पर महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ने वाले पूरे विपक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हमने चुनावी प्रक्रियाओं और मतदाता सूची का विश्लेषण किया है और हमें इसमें कई अनियमितताएं मिली हैं। हमारी टीमें इस पर काम कर रही हैं और हमें ऐसे प्रमाण मिले हैं जो चुनावी धांधली की ओर इशारा कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मतदान सूची में बदलाव किए गए, जिससे कई वैध मतदाता अपने मताधिकार से वंचित रह गए। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने की मांग की।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ ही समय बाद, चुनाव आयोग ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। आयोग ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को प्राथमिक हितधारकों के रूप में देखता है, लेकिन मतदाता सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। आयोग राजनीतिक दलों से प्राप्त सुझावों और सवालों को गंभीरता से लेता है और पूर्ण तथ्यात्मक और प्रक्रियात्मक आधार पर उचित जवाब देगा।”
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया समान मापदंडों और निष्पक्षता के साथ संचालित की जाती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों की जांच कर उचित जवाब दिया जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रिया सुले और संजय राउत ने भी अपने विचार रखे। सुप्रिया सुले ने कहा, “यह केवल कांग्रेस का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे विपक्ष का विषय है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग करनी होगी।”
संजय राउत ने भी चुनाव आयोग से अपील की कि वे निष्पक्ष जांच करें और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान करें। उन्होंने कहा, “यदि चुनाव में गड़बड़ी हुई है, तो यह केवल विपक्ष के लिए नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरा है।”
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर विपक्ष की ओर से लगाए गए इन गंभीर आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चुनाव आयोग इन आरोपों की जांच कैसे करता है और क्या विपक्ष की मांगों पर कोई कार्रवाई होती है।
विपक्षी दलों ने स्पष्ट किया है कि वे इस मुद्दे को केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सीमित नहीं रखेंगे, बल्कि कानूनी और संसदीय स्तर पर भी उठाएंगे। महाराष्ट्र में आगामी चुनावों और राजनीतिक समीकरणों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने योग्य होगा।
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