KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश सरकार ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन (Global Investors Summit) में हुए एमओयू (MoU) को धरातल पर लाने के लिए तेज रफ्तार तैयारी शुरू कर दी है। इस दिशा में इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद के निर्देश पर वरिष्ठ अधिकारियों की विशेष टीमों ने राज्य के 14 जिलों का औचक निरीक्षण किया और निवेश परियोजनाओं में आ रही व्यावहारिक अड़चनों का गहराई से मूल्यांकन किया।
निरीक्षण के दौरान प्रस्तावित निवेश परियोजनाओं को 24 मानकों पर परखा गया, जिनमें भूमि की उपलब्धता, औद्योगिक भूखंड की स्थिति, बिजली और पानी की सुविधा, ग्राम सभा की जमीनें, बीमार इकाइयों की संख्या, निवेश मित्र की सक्रियता, और कार्यालय के वातावरण जैसी सुविधाएं शामिल रहीं।
सकारात्मक संकेत यह है कि 40% से अधिक समस्याओं का समाधान मौके पर ही कर दिया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन जमीनी स्तर पर निवेशकों की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए तैयार है।
नवंबर में प्रस्तावित भूमि पूजन समारोह के पांचवें संस्करण के लिए सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं को तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा जनवरी-फरवरी में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन 2025 की तैयारी भी ज़ोरों पर है। इन दोनों बड़े आयोजनों की नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी है, जो प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल को और सुदृढ़ बनाने में लगी है।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने यह भी परखा कि-
जिलों में उद्यमी मित्र और जिला उद्योग केंद्र किस स्तर पर काम कर रहे हैं।
निवेशकों के साथ कितनी बैठकें की गईं और क्या ठोस परिणाम निकले।
कार्यालय का माहौल निवेशकों के अनुकूल है या नहीं।
कितने एमओयू भूमि पूजन 4.0 के लिए और कितने 5.0 के लिए हुए।
कितने निवेशक पीछे हटे और कितनी इकाइयों का निर्माण या उत्पादन शुरू हुआ।
सीईओ विजय किरण आनंद ने उद्योग बंधु की बैठकों में उठाए गए मुद्दों को शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित करने का आदेश दिया है। इसके लिए राज्य के सभी 75 जिलों से पिछले तीन महीनों की बैठक का रिकॉर्ड मांगा गया है। साथ ही यह जानकारी भी तलब की गई है कि निवेशकों की शिकायतों या सुझावों पर क्या कार्रवाई हुई है।
सीईओ ने उद्यमी संगठनों से मिल रहे फीडबैक को भी गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा नए निवेश प्रस्तावों का अलग ब्योरा तैयार करने को कहा गया है, जिससे सरकार इन प्रस्तावों पर जल्द कार्रवाई कर सके।