उदयपुर में चाकूबाजी के बाद शांति की कोशिशें जारी, प्रशासन ने बढ़ाया नेटबंदी का समय

KNEWS DESK- उदयपुर में हाल ही में हुई चाकूबाजी की घटना के बाद उत्पन्न तनाव अब धीरे-धीरे शांत होता दिखाई दे रहा है। हालांकि शहर में शांति पूरी तरह से बहाल नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन के प्रयासों और सुरक्षा प्रबंधों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने में मदद की है।

चाकूबाजी की घटना और इसके बाद का हाल

चाकूबाजी में घायल हुए छात्र का एमबी अस्पताल में इलाज जारी है। उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है, जिससे राहत की सांस ली जा रही है। रविवार को अस्पताल में घायल छात्र के परिजनों और शहरवासियों की भारी भीड़ जमा हो गई थी, जो उसकी हालत को लेकर चिंतित थे। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एक बार फिर नेटबंदी की मियाद बढ़ा दी है। अब पूरे शहर में सोमवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।

सुरक्षा और सोशल मीडिया की निगरानी

प्रशासन ने शहर की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। उदयपुर में निषेधाज्ञा लागू है और पूरे शहर में पुलिस की गश्त जारी है। भारी सुरक्षा प्रबंधों के बीच रविवार को बाजार खुले और लोग रक्षाबंधन की खरीदारी के लिए निकले। हालांकि, दिन के शुरुआत में एक बार फिर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। घायल छात्र की मां ने मुखर्जी चौक पर धरना देकर प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे उन्हें उनके बेटे से मिलने नहीं दे रहे हैं। इस वजह से वहां बाजार बंद कराना पड़ा और तनाव फैलने की आशंका बढ़ गई। लेकिन पुलिस प्रशासन ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया।

जिला कलेक्टर की शांति की अपील

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने मौके पर जाकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि घायल छात्र की हालत स्थिर है और डॉक्टर उसकी पूरी देखभाल कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने भी एमबी अस्पताल जाकर घायल छात्र के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इसके बाद, प्रशासन ने स्थिति की समीक्षा कर नेटबंदी की अवधि को एक दिन और बढ़ाने का निर्णय लिया। उदयपुर में चाकूबाजी की घटना ने शहर में गंभीर तनाव पैदा कर दिया था, लेकिन प्रशासन के ठोस कदम और सुरक्षा प्रबंधों ने स्थिति को धीरे-धीरे नियंत्रण में लाने में मदद की है। इंटरनेट शटडाउन और निषेधाज्ञा के बावजूद, प्रशासन और स्थानीय नेताओं की कोशिशें शांति बहाल करने की दिशा में निरंतर चल रही हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे स्थिति कैसे विकसित होती है और क्या पूरी तरह से शांति कायम की जा सकती है।

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