प्रयाग ग्रुप पर ईडी का बड़ा शिकंजा: 38 लाख निवेशकों से 2863 करोड़ की ठगी, 110 करोड़ की संपत्तियां अटैच

डिजिटल डेस्क- मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। कोलकाता जोनल ऑफिस की ईडी ने प्रयाग ग्रुप की करीब 110 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। एजेंसी का आरोप है कि इस ग्रुप ने देशभर के करीब 38 लाख निवेशकों से अवैध तरीके से 2863 करोड़ रुपये की वसूली की और अब तक 1906 करोड़ रुपये की रकम लौटाई ही नहीं गई। ईडी की यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर शुरू हुई जांच के बाद सामने आई है। जांच में खुलासा हुआ है कि प्रयाग ग्रुप ने हाई रिटर्न का लालच देकर और आकर्षक स्कीमों के नाम पर करीब 38,71,674 लोगों से भारी-भरकम राशि जुटाई। यह पूरा फंड रेजिंग रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और सेबी (SEBI) की किसी भी अनुमति के बिना की गई थी।

31 मार्च 2016 तक भी नहीं लौटे 1906 करोड़ रुपये

ईडी की जांच में सामने आया कि 31 मार्च 2016 तक निवेशकों को लगभग 1906 करोड़ रुपये वापस नहीं किए गए थे। इसका मतलब यह है कि लाखों लोग आज भी अपनी जीवनभर की कमाई वापस मिलने का इंतजार कर रहे हैं। एजेंसी का कहना है कि यह मामला एक संगठित पोंजी स्कीम का उदाहरण है, जिसमें नए निवेशकों से जुटाए गए पैसों से पुराने निवेशकों को भुगतान किया गया। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, प्रयाग ग्रुप ने कोई ठोस या वैध व्यावसायिक गतिविधि नहीं की। निवेशकों से जुटाई गई रकम को जमीन खरीदने, होटल, फिल्म सिटी प्रोजेक्ट, दूसरी कंपनियों के अधिग्रहण, महंगे विज्ञापन, सेलिब्रिटी प्रमोशन और प्रमोटर्स के निजी ऐशो-आराम पर खर्च किया गया। इस दौरान कंपनी ने निवेशकों को भ्रम में रखकर लगातार नई स्कीमें लॉन्च कीं।

डायरेक्टर्स पर निजी लाभ उठाने का आरोप

जांच में प्रयाग ग्रुप के तीन डायरेक्टर्स वासुदेव बागची, अविक बागची और स्वप्ना बागची पर गंभीर आरोप लगे हैं। ईडी के मुताबिक इन लोगों ने सैलरी और अन्य भत्तों के नाम पर कंपनी से भारी रकम निकाली। इसके अलावा व्यक्तिगत नामों पर संपत्तियां खरीदी गईं, बिना किसी भुगतान के खुद को शेयर अलॉट किए गए और फंड को अपनी ही दूसरी कंपनियों में घुमाया गया।

450 एकड़ जमीन और निजी संपत्तियां अटैच

ईडी ने जिन संपत्तियों को अटैच किया है, उनमें पश्चिम बंगाल, बिहार और असम में स्थित करीब 450.42 एकड़ जमीन और उससे जुड़े सुपर-स्ट्रक्चर शामिल हैं, जिनकी कीमत लगभग 104 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा बागची परिवार के नाम करीब 6 करोड़ रुपये की व्यक्तिगत संपत्तियां भी जब्त की गई हैं। इस मामले में ईडी पहले ही विशेष PMLA कोर्ट में अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल कर चुकी है। मुख्य आरोपी वासुदेव बागची और अविक बागची फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। एजेंसी ने साफ किया है कि मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले समय में और भी संपत्तियों पर कार्रवाई हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *