डूसू चुनाव 2025: मतदान जारी, सुरक्षा चाक-चौबंद; NSUI ने लगाए पक्षपात के आरोप

KNEWS DESK- दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 2025-26 के लिए मतदान प्रक्रिया जारी है। आज करीब 2.80 लाख छात्र-छात्राएं अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। मतदान सुबह के कॉलेजों में सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक, जबकि सांध्य कॉलेजों में दोपहर 3 बजे से रात 7:30 बजे तक चल रहा है। पूरे कैंपस में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और माहौल पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगा हुआ है।

डूसू चुनाव के लिए 52 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं और 711 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है। नॉर्थ और साउथ कैंपस सहित सभी प्रमुख कॉलेजों में दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल की तैनाती की गई है। छात्र मार्ग और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग की गई है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

छात्रों को कॉलेज में प्रवेश केवल वैध आईडी कार्ड दिखाने के बाद ही दिया जा रहा है। वहीं, शहीद भगत सिंह कॉलेज में महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए ‘पिंक बूथ’ बनाया गया है।

मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. राज किशोर शर्मा ने जानकारी दी कि दिव्यांग छात्रों को मतदान में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए कॉलेजों को ग्राउंड फ्लोर पर बूथ बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही छात्रों से अपील की गई है कि वे शांतिपूर्ण और सहयोगपूर्ण तरीके से मतदान करें।

डूसू चुनाव की मतगणना 19 सितंबर को सुबह 9 बजे से यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स स्टेडियम में शुरू होगी। इस बार छात्र संघ चुनावों में कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं, और मुकाबला मुख्य रूप से ABVP, NSUI, AISA और CYSS जैसे छात्र संगठनों के बीच है।

रामजस कॉलेज में सुबह मतदान शुरू होने में करीब 10 मिनट की देरी हुई। वहां दो ईवीएम मशीनें खराब हो गई थीं जिन्हें तुरंत बदला गया। इसके बाद मतदान प्रक्रिया सामान्य रूप से जारी है।

डूसू चुनाव के बीच नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।

NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने दावा किया कि उन्हें रिपोर्ट्स मिली हैं कि कुछ कॉलेजों में आरएसएस-भाजपा समर्थित फैकल्टी पर अनुपस्थित छात्रों के नाम पर फर्जी मतदान करने का दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “यह सीधे तौर पर छात्र चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश है। यदि किसी भी कॉलेज में फर्जी मतदान की पुष्टि होती है, तो दोषियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”