डिजिटल डेस्क- पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बार फिर हिंसा ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। बन्नू डिवीजन के लक्की मरवत इलाके में हुए दोहरे ड्रोन हमलों में कम से कम पांच पुलिसकर्मी और आठ आम नागरिक घायल हो गए। अधिकारियों के अनुसार, घायलों में एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए बन्नू के अस्पताल में ट्रांसफर किया गया है। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि ड्रोन हमलों के तुरंत बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हमले के बाद भारी गोलीबारी शुरू हो गई, जिसमें सुरक्षाबल लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर इलाके को घेर लिया गया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों में रहें और अनावश्यक आवाजाही से बचें।
अभी तक किसी ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब खैबर पख्तूनख्वा पहले से ही आतंकी गतिविधियों की चपेट में है। इससे पहले मंगलवार को भी इसी प्रांत में पुलिस को निशाना बनाकर एक बड़ा हमला किया गया था, जिसमें पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। उस घटना में पहले विस्फोटक फेंके गए और फिर पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, करक जिले में पुलिसकर्मी एक वैन में सवार होकर जा रहे थे, तभी उनकी गाड़ी को एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से उड़ा दिया गया। विस्फोट के बाद हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें चार पुलिसकर्मी और वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर
हाल के वर्षों में लक्की मरवत और आसपास के इलाके अपेक्षाकृत शांत माने जाते रहे हैं। ऐसे में ड्रोन हमलों और लगातार हो रही हिंसा ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर ला दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बलूचिस्तान और सिंध की तरह अब खैबर पख्तूनख्वा भी अलगाववादी और इस्लामी उग्रवादी संगठनों के निशाने पर आ गया है। इन प्रांतों में पहले भी कई बार पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमलों की जिम्मेदारी ऐसे समूह लेते रहे हैं।