डिजिटल डेस्क- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने VDK Eduventures Pvt Ltd (दृष्टि IAS) पर UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों को लेकर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उपभोक्ता मंत्रालय के बयान के अनुसार, दृष्टि IAS ने अपने विज्ञापन में ‘216+ चयन’ का दावा किया और सफल उम्मीदवारों की तस्वीरें और नाम भी दिखाए। जांच में सामने आया कि यह दावा अधूरा और भ्रामक था। संस्थान ने स्पष्ट नहीं किया कि जिन 216 उम्मीदवारों का उल्लेख किया गया, उनमें से 162 उम्मीदवार (लगभग 75 प्रतिशत) केवल फ्री इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (IGP) में शामिल हुए थे। ये उम्मीदवार पहले ही प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा स्वतंत्र रूप से पास कर चुके थे। जबकि केवल 54 छात्र ऐसे थे जिन्होंने IGP के साथ नियमित कोर्स में नामांकन कराया था। इस तरह की जानकारी छुपाकर संस्थान छात्रों और उनके अभिभावकों को यह विश्वास दिलाता कि उसकी भूमिका उनकी सफलता में पूरी रही, जबकि वास्तविकता अलग थी।
भ्रामक विज्ञापन के चलते हुई कार्रवाई
CCPA ने इस आचरण को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन माना। प्राधिकरण ने कहा कि यह छात्रों के इनफॉर्म्ड डिसीजन लेने के अधिकार (धारा 2(9)) का उल्लंघन है और ऐसे विज्ञापन झूठी उम्मीदें पैदा कर छात्रों के फैसलों को अनुचित रूप से प्रभावित करते हैं। यह पहली बार नहीं है जब दृष्टि IAS पर कार्रवाई हुई है। सितंबर 2024 में भी CCPA ने UPSC CSE 2021 के नतीजों को लेकर ‘150+ चयन’ के दावे पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उस समय भी संस्थान ने 161 उम्मीदवारों की सूची दी थी, जिनमें से 148 केवल IGP से जुड़े थे। बावजूद इसके, 2022 में दृष्टि IAS ने दावा बढ़ाकर 216+ कर दिया और फिर वही भ्रामक तरीका अपनाया। CCPA ने इसे दोहराया उल्लंघन करार दिया और इसे उपभोक्ता संरक्षण नियमों की अवहेलना बताया।
54 कोचिंग संस्थानों को जारी की गई नोटिस
मंत्रालय ने बताया कि अब तक CCPA ने 54 कोचिंग संस्थानों को भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापारिक आचरण को लेकर नोटिस जारी किए हैं। इनमें से 26 पर 90.6 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है। प्राधिकरण ने सभी कोचिंग संस्थानों को चेतावनी दी है कि वे विज्ञापनों में सत्यापन और पारदर्शिता सुनिश्चित करें, ताकि छात्र अपने भविष्य के फैसलों को सही और न्यायसंगत रूप से ले सकें।