सारिका गुप्ता- फरीदाबाद में आतंकी नेटवर्क से जुड़ी गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन शाहिद उर्फ शाहीन सिद्दीकी की जांच अब कानपुर तक पहुंच गई है। हरियाणा पुलिस की कार्रवाई में एके-47 राइफल और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के बाद इस महिला डॉक्टर की गतिविधियों पर देशभर की एजेंसियों की नजर है। अब उत्तर प्रदेश एटीएस ने कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (GSVM) मेडिकल कॉलेज पहुंचकर उससे जुड़े सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, डॉ. शाहीन पहले इसी मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत थीं। मंगलवार सुबह एटीएस की एक टीम कानपुर पहुंची और कॉलेज प्रशासन से शाहीन के सेवा रिकॉर्ड, नियुक्ति, ट्रांसफर और अनुशासनात्मक कार्रवाई से जुड़ी फाइलें जब्त कीं। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने ऑफ कैमरा इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि एटीएस ने शाहीन से संबंधित सभी दस्तावेज अपने साथ ले लिए हैं।
2006 में प्रवक्ता के पद पर नियुक्त थी डॉ शाहीन
प्राचार्य के मुताबिक, डॉ. शाहीन ने वर्ष 2006 में प्रवक्ता पद पर कॉलेज ज्वाइन किया था। वर्ष 2009-10 के दौरान उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज में छह महीने के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। इसके बाद वर्ष 2013 में वह अचानक बिना किसी सूचना के कॉलेज से अनुपस्थित हो गईं। इस पर कॉलेज प्रशासन ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। शासन स्तर पर जांच के बाद वर्ष 2021 में शाहीन को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
2013 से 2025 तक की गतिविधियों का पता लगाने में जुटी एटीएस
एटीएस सूत्रों के अनुसार, टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि डॉ. शाहीन 2013 से 2025 के बीच किन गतिविधियों में शामिल रहीं और उनके संपर्क किन लोगों से थे। एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि क्या उन्होंने मेडिकल कॉलेज के दौरान या बाद में किसी को अपने कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित किया था। एजेंसियों को संदेह है कि शाहीन जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ से जुड़ी हुई थीं और भारत में इस नेटवर्क को फैलाने की जिम्मेदारी उन्हीं को दी गई थी। फरीदाबाद से गिरफ्तारी के बाद जब उनसे बरामद डिजिटल डिवाइसों की जांच हुई, तो कुछ संपर्क कानपुर और लखनऊ के भी मिले हैं।