KNEWS DESK- अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस वर्ष पहली बार दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर 30 और 31 अक्टूबर को करीब 25 लाख दीपक जलाए जाएंगे, जो मंदिर परिसर को रोशनी से भर देंगे। दीयों के माध्यम से स्वास्तिक, राम दरबार और रामकथा से जुड़े प्रतीकों को सजाया जाएगा, जो इस पर्व की भव्यता को और बढ़ाएगा।
दीपों की तैयारी
दीपकों में तेल और बाती डालने का कार्य आज, 30 अक्टूबर से शुरू होगा। रामलला के मंदिर के गर्भगृह और आसपास के क्षेत्रों में मंदिर ट्रस्ट द्वारा विशेष दीपक प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। लगभग 300 विशेष दीपक मंदिर के गर्भगृह और परिसर में लगाए जाएंगे, जिन्हें इस प्रकार बनाया गया है कि मंदिर की फर्श और दीवारों पर कालिख नहीं लगेगी।
हर वर्ष दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, लेकिन इस बार अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने के कारण कुछ भ्रम की स्थिति है। कई लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मनाएंगे, जबकि अन्य 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन करेंगे। अयोध्या में मंदिर ट्रस्ट ने सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के लिए सेवानिवृत्त आईजी आशु शुक्ला को जिम्मेदारी सौंपी है।
भव्यता की तैयारी
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार, भव्य राम मंदिर में पहली दीपावली अद्भुत और अविस्मरणीय बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। 70 एकड़ के इस मंदिर परिसर में सरसों के तेल के दीपक जलाए जाएंगे, और सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस दिवाली पर अयोध्या में होने वाले इस भव्य समारोह को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह अवसर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करेगा।
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