KNEWS DESK- आज 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस देश और दुनिया में उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। इस वर्ष का विशेष आयोजन ‘योग संगम’ के नाम से जाना गया, जिसमें सुबह 6:30 से 7:45 बजे तक देशभर में एक लाख से अधिक स्थानों पर लोगों ने एक साथ कॉमन योग प्रोटोकॉल के अंतर्गत सामूहिक योगाभ्यास किया। इस भव्य आयोजन में भारत समेत कुल 191 देशों ने भागीदारी कर योग को वैश्विक एकता और स्वास्थ्य का प्रतीक बना दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वर्ष आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित राष्ट्रीय योग कार्यक्रम में शामिल हुए और वहां से इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन का नेतृत्व किया। विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने योग के वैश्विक सफर और भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाए, और तब रिकॉर्ड समय में 175 देशों ने हमारे इस प्रस्ताव का समर्थन किया। यह केवल प्रस्ताव का समर्थन नहीं था, बल्कि मानवता के कल्याण के लिए एक साझा संकल्प था।”
उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि आज योग न केवल भारत बल्कि दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। “जब मैं देखता हूं कि हमारे दिव्यांग साथी योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि योग ने हर बाधा को पार किया है,” उन्होंने कहा। भारत सरकार ने इस वर्ष योग दिवस के अवसर पर 10 प्रमुख कार्यक्रमों की घोषणा की है, जिनका उद्देश्य योग को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है। इन कार्यक्रमों में ग्रामीण भारत, स्कूलों, ऑफिसों और स्वास्थ्य केंद्रों में योग को प्रोत्साहन देने की योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा डिजिटल माध्यमों से भी योग को लोकप्रिय बनाने के प्रयास जारी हैं। पिछले 11 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक सांस्कृतिक और स्वास्थ्य संबंधी आंदोलन बन चुका है। दुनिया के कोने-कोने में लोग अब योग को केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन का माध्यम मानते हैं। स्कूलों, कार्यालयों, सेना, जेलों से लेकर स्पेस स्टेशन तक, योग हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है।
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