KNEWS DESK- भगवान राम मांस खाते थे। राम शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे। वे शिकार करके खाते थे। ये कहना है एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड का। वो कहते हैं कि 14 साल तक जंगल में रहने वाला व्यक्ति शाकाहारी भोजन की तलाश में कहां जाएगा। वो जंगलों में घूमे ऐसे में उन्हें वहां Vegetarian खाना कहां से मिल रहा था। अब एनसीपी नेता के इस बयान पर बवाल मच गया है।
दरअसल, जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि राम हमारे हैं, बहुजन के हैं। राम शिकार करके खाते थे। आप चाहते हैं कि हम शाकाहारी बन जाएं, लेकिन हम राम को अपना आदर्श मानते हैं और मटन खाते हैं. यह राम का आदर्श है। वह शाकाहारी नहीं बल्कि मांसाहारी थे। 14 साल तक जंगल में रहने वाला व्यक्ति शाकाहारी भोजन की तलाश में कहां जाएगा? ये सही या गलत? मैं हमेशा सही कहता हूं।
इसके अवाला एनसीपी नेता ने महात्मा गांधी को लेकर भी विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे असली कारण जातिवाद था क्योंकि वह ओबीसी थे और ये लोग यह सहन नहीं कर सकते थे कि वह इतने बड़े नेता बन गए।
बयान को लेकर एनसीपी नेता की सफाई भी आई है। उन्होंने कहा कि तब राइस नहीं था, तब खाते क्या थे। राजा और राम क्षत्रिय थे तो क्षत्रिय का खाना ही मांसाहारी होता है. इसमें क्या कॉन्ट्रोवर्सी। राम का खाना क्या था, कोई बता दे कि राम मेथी की भाजी खाते थे। बयान पर बिलकुल कायम हूं। भारत को शाकाहारी बनाना चाहते हैं क्या? इस देश के 80 प्रतिशत लोग आज भी मांसाहारी हैं।
भगवान राम पर दिए गए विवादित बयान को लेकर बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि राजनीति के लिए ये बयानबाजी दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं महाराष्ट्र बीजेपी ने भी एनसीपी नेता के बयान पर पलटवार किया है। पार्टी की राज्य इकाई ने एक्स पर लिखा, ‘जितेंद्र आव्हाड आपका सार्वजनिक विरोध! आपने आज भगवान रामचन्द्र को याद किया. आचरण और विचार की तरह ही उनके विचारों में भी राम की अपेक्षा रावण अधिक प्रमुखता से दिखाई देता है। हमें नहीं पता कि हिंदू देवताओं का अपमान करने में उन्हें कौन सी ख़ुशी मिलती है। झूठा और सुविधाजनक इतिहास लिखने की आप लोगों की पुरानी चाल को राम भक्त बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रभु श्री रामचन्द्र आपको अपने चरणों में सद्बुद्धि दें!”
ये भी पढ़ें- बेटी ईरा की शादी में आमिर ने एक्स वाइफ किरण राव को किया किस, यूजर्स ने एक्टर को किया जमकर ट्रोल