नए साल पर मंदिरों में उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब, काशी, वृंदावन और अयोध्या में बदले नियम

KNEWS DESK- नए साल की शुरुआत ईश्वर के दर्शन के साथ करने की परंपरा निभाने के लिए देशभर से श्रद्धालु प्रमुख धार्मिक स्थलों की ओर रुख करते हैं। काशी, वृंदावन और अयोध्या जैसे तीर्थ स्थलों पर नए साल के अवसर पर लाखों भक्तों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए प्रशासन और मंदिर न्यासों ने विशेष इंतजामों के साथ कई नियमों में बदलाव किए हैं।

वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में बैकुंठ द्वार साल में केवल एक दिन खोले जाते हैं। इस बार यह द्वार 30 दिसंबर को खुलेंगे, जिससे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है।

एडवाइजरी के तहत छटीकरा से वृंदावन की ओर भारी और कमर्शियल वाहनों की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। यमुना एक्सप्रेस-वे और मथुरा शहर की ओर से आने वाले चार पहिया वाहन केवल सौ-सैय्या अस्पताल तक ही जा सकेंगे। वहीं, छटीकरा एनएच-19 की ओर से आने वाले वाहन मल्टीलेवल पार्किंग तक सीमित रहेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कुल 21 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

नए साल के अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में भी विशेष नियम लागू किए गए हैं। मंदिर न्यास के अनुसार 31 दिसंबर से 3 जनवरी तक दर्शन व्यवस्था बदली रहेगी। इस दौरान श्रद्धालुओं को गर्भगृह में जाकर शिवलिंग के स्पर्श की अनुमति नहीं होगी। भक्त केवल ‘झांकी दर्शन’ ही कर सकेंगे।

भीड़ नियंत्रण के मद्देनज़र किसी भी प्रकार के प्रोटोकॉल दर्शन और वीआईपी सुविधा पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम दर्शन के लिए की गई है।

अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ 31 दिसंबर को मनाई जाएगी। मंदिर ट्रस्ट से जुड़े गोपाल जी ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान 27 दिसंबर से शुरू होकर 2 जनवरी 2026 तक चलेंगे। मुख्य समारोह 31 दिसंबर को आयोजित होगा, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति भी प्रस्तावित है।

पूजा-पाठ के अनुष्ठान जगद्गुरु माधवाचार्य की देखरेख में संपन्न होंगे। इसके अलावा 29 दिसंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुग्रीव पथ से अंगद टीला तक आवागमन की विशेष व्यवस्था की गई है।

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और सहयोग देकर नए साल के अवसर पर सुरक्षित व सुगम दर्शन सुनिश्चित करें।

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