डिजिटल डेस्क- बीते दिनों जम्मू कश्मीर में आई आपदा में मारे गए लोगों पर राजनीति तेज हो गई है। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति सहानुभूति जताते हुए उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों पर कहा कि वो हादसे में नहीं मरे हैं, बल्कि उन्हें मारा गया है। बताते चलें कि रियासी ज़िले में वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन के बाद कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई। इस पर डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने कहा कि वैष्णो देवी यात्रा की घटना को लेकर एलजी मनोज सिन्हा को जवाब देना चाहिए। एलजी के कार्यकाल में पहले भी भगदड़ मची थी। जब बादल फटने और भारी बारिश का अलर्ट था, तब यात्रा क्यों नहीं रोकी गई?
हादसा नहीं साजिश है ये
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने कहा कि माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं की मौत नहीं हुई, बल्कि उन्हें मारा गया। इसके पीछे एक आपराधिक साजिश है. इसकी जांच होनी चाहिए। मैं पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एलजी मनोज सिन्हा और अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का अनुरोध करता हूं। सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और एफआईआर भी दर्ज की जानी चाहिए।
सीएम उमर अबदुल्ला भी उठा चुके है सवाल
बताते चलें कि इससे पहले बुधवार को, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इसी तरह के सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता वाले श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने भारी बारिश की पूर्व चेतावनी के बावजूद तीर्थयात्रा जारी रखने की अनुमति क्यों दी। मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने अधिकारियों के उदासीन रवैये की भी आलोचना करते हुए कहा कि हमें इस बारे में बाद में बात करनी होगी। जब हमें मौसम के बारे में पता था, तो क्या हमें उन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे? मौसम की चेतावनी हमें कुछ दिन पहले ही मिल गई थी।