बक्सर में भुगतान को लेकर किसानों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

के-न्यूज/बक्सर, बिहार के बक्सर में अंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने मंगलवार देर रात लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस ने किसानों के घर खुसकर पुरूष, महिलाओं और बच्चों तक पर बर्बरता से लाठीजार्च किया. जिससे नराज होकर किसानों ने प्रदर्शन किया और पुलिस की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.

बक्सर में बुधवार को पुलिस को किसानों के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा. किसानों ने पुलिस  ने नराज होकर कई बसों और गाड़ियों को आग के हवासे कर दिया, आप को बता दे किसान पुलिस द्वारा मंगलवार रात किए लाठी जार्ज से काफी नराज है. किसनों के पास पुलिस की बर्बरता का वीडियों भी उनको पास मौजूद है.

किसानों से क्यों किया प्रदर्शन ?

बक्सर में पुलिस का अमानवीय चेहरा हम सबके सामने आया है. पुलिस ने मंगलवार रात को किसानों के घर खुसकर लाठीजार्च किया है. पुलिस ने सिर्फ किसानों पर ही नही बल्कि घर में मौजूद महिलाओं और बच्चों पर भी बर्बरता के साथ लाठीचार्ज किया है. किसान जमीन के मुआवजे को लेकर अंदोलन कर कहे थे.

किसान क्यों कर रहे थे अंदोलन ?

चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था. किसानों को 2010 -11 के सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा दिया था. साल 2022 में कंपनी ने अधिग्रहण की कर्रवाई को शुरू किया. जिसके बाद अधिग्रहण के जमीन का मुआवजा किसानों ने 2022 के सर्किल रेट से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों ने कंपनी के आरोप लगाए है कि कंपनी पुराने दरों पर मुआवजा दे रही है और जबरदस्ती जमीन पर अधिग्रहण कर रही है. जमीन के मुआवजे को लेकर किसानों का करीब 2 महीनों से अंदोलन चल रहा हैं.

वादे पलट गई कंपनी

चौसा में एसजेवीएन पावर प्लांट को लगाने से पहले कंपनी ने किसानों से वादा किया था कि कंपनी सीएसआर फंड से कंपनी वहां स्कूल और होटल बनाएंगी. लोगों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराएंगे, चारों तरफ खुशाहाली होगी, लोकल लोगों को नौकरी में प्रथमिकता दी जाएंगी. लेकिन किसानों ने जैसे ही एग्रीमेंट के पेपरों में साइन किया वैसे ही कंपनी अपने सभी वादों को भूल गई.

पुलिस के एक्शन पर क्या बोले ऑफसर

किसानों पर लाठीजार्च करने को लेकर मुफस्सिल थाने के थानेदार अमित कुमार ने बताया पुलिस केवल एसजेवीएन पालर प्लांट द्वारा लिखाई एफआईआर में जिन किसानों का नाम था. पुलिस उन्हीं को पकड़ने गई थी. जिस पर पहले किसानों द्वारा हमला किया गया उसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है.

सीसीटीवी फुटेज ने दिखाया सच

बिहार पुलिस के बड़े अधिकारियों से लेकर थानेदार सभी किसानों पर ही मारपीट का आरोप लगा रहे है. लेकिन वहां एक सीसीटीवी फुटेज निकल कर सामने आया है. जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है. कि पुलिस पहले से ही किसानों के घर के बाहर मौजूद है और किसानों के घर के दरवाजे बंद है. पुलिस के अधिकारियों को इस बात का बिलकुल भी अनुमान नही रहा होगा कि किसान के घऱ में सीसीटीवी भी मौजूद होगा.

 

 

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