KNEWS DESK- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को सुगम और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) को अब दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत दो नई कनेक्टिविटी सड़कें बनाई जाएंगी — एक 20 किलोमीटर और दूसरी 17 किलोमीटर लंबी — जिन पर कुल मिलाकर करीब 7,350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस परियोजना के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, एयरपोर्ट और राजस्थान से आने-जाने वाले वाहनों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे उन्हें अब दिल्ली के अंदर दाखिल होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे राजधानी के भीतरी इलाकों में ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण दोनों में कमी आएगी।
दोनों सड़क परियोजनाएं: किसे क्या मिलेगा फायदा
- 20 किलोमीटर सड़क (UER-2 से दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे तक):
यह सड़क रोहिणी-अलीपुर क्षेत्र से कंझावला और झज्जर के लडरावण होते हुए जसौरखेड़ी तक जाएगी, जहां से दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे शुरू होता है। इस सड़क की लागत करीब 4,000 करोड़ रुपये होगी। इसके बनने से दिल्ली, गुरुग्राम और एयरपोर्ट से आने वाले वाहन सीधे जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हिमाचल की ओर बढ़ सकेंगे। इससे एनएच-44 पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा। - 17 किलोमीटर सड़क (UER-2 से दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे तक):
दूसरी सड़क अलीपुर से शुरू होकर हिरनकी, मंडोला और ट्रोनिका सिटी होते हुए दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे तक पहुंचेगी। इस परियोजना पर 3,350 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे उत्तर-पश्चिमी दिल्ली, गुरुग्राम, हरियाणा और राजस्थान से उत्तराखंड जाने वाले वाहनों को बड़ा फायदा मिलेगा।
4 जून को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल की उपस्थिति में इन दोनों प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें तय किया गया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द से जल्द तैयार की जाए ताकि निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जा सके।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अलीपुर से IGI एयरपोर्ट तक के यूईआर-2 मार्ग का उद्घाटन किया था। अब उसे दो प्रमुख एक्सप्रेसवे से जोड़ने का कार्य इसे और भी रणनीतिक बना देगा।
दूसरी ओर, दिल्ली में बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर फेज-3 के निर्माण कार्य पर यमुना के बढ़ते जलस्तर के चलते खतरा मंडरा रहा है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने निर्माण स्थल पर कार्यरत कर्मचारियों को सतर्क कर दिया है और स्थिति बिगड़ने पर काम को तुरंत रोकने के निर्देश दिए हैं।
अभी तक सराय काले खां से मयूर विहार तक बनने वाले इस 3.5 किमी लंबे और आठ लेन चौड़े कॉरिडोर के ऊपरी हिस्से में काम चल रहा है। अगर जलस्तर और बढ़ता है तो निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप पड़ सकता है। विभाग ने एहतियातन मशीनरी और निर्माण सामग्री को यमुना किनारे से हटा लिया है।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही मयूर विहार से एम्स तक का 9.5 किमी सफर सिग्नल-फ्री हो जाएगा, जिससे दिल्ली के लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी।