KNEWS DESK… संसद में मणिपुर मामले को लेकर लगातार 9 दिलों से हंगामा चल रहा है. इस बीच आज यानी 1 अगस्त को लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश किया जाएगा. यह बिल राजधानी दिल्ली में ग्रुप ए के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और डिपॉर्टमेंट एलाकेशन का काम करेगा. इस अध्यादेश को लेकर दिल्ली में आप सरकार लगातार विरोध दर्झ कर रही है.
दरअसल आपको बता दें कि जब आज लोकसभा विधानसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश होना है तो इस इस संजय सिंह ने कहा कि वह और उनकी पार्टी साथ में अन्य विपक्षी दलों के पास राज्यसभा में पर्याप्त संख्या बल है लिहाजा वह वहां से यह बिल पास नहीं होने देंगे. राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि यह बिल असंवैधानिक है क्योंकि इस बिल से दिल्ली के चुने हुए सीएम के अधिकार छीने जा रहे हैं.
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सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर साधा निशाना
जानकारी के लिए बता दें कि संजय सिंह ने कहा कि अभी जब संदन में अविश्वास प्रस्ताव लंबित है लेकिन बावजूद इसके ऐसा अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. संजय सिंह ने कहा कि लोकसभा में भले ही हमारे पास संख्या बल नहीं हो लेकिन राज्यसभा में संख्या बल है और हम इस बिल को गिराएंगे. लोकसभा में आज की कार्यवाही को संशोधित करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह सदन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार विधेयक पेश करेंगे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय दिल्ली से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर तत्काल इस विधेयक को लाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए सदन में अपनी बात रखेंगे.
केजरीवाल की सरकार कर रही है विरोध
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप इस बिल का कड़ा विरोध कर रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के विरुद्ध हैं. केंद्र सरकार का यह अध्यादेश 19 मई को लाया गया था. इससे एक हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को सेवा से जुड़े मामलों का नियंत्रण दिया था हालांकि उसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े विषय नहीं दिये गए थे.
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जानिए क्या कहता है राज्यसभा का संख्या बल?
जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा के नंबर गेम की बात करें तो इस समय उच्च सदन की आठ सीटें रिक्त हैं और कुल सदस्य संख्या 237 है. ऐसे में इस संख्याबल के आधार पर राज्यसभा से बिल पारित कराने के लिए 119 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी. भाजपा के पास कुल 91 सांसद हैं और NDA के पास कुल 109 सांसद है. ऐसे में राज्यसभा से बिल पारित कराने के लिए भाजपा को 10 और सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी.
ऐसी स्थिति में भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत है. राज्यसभा में अन्य राजनीतिक दलों के स्ट्रेंथ की बात करें तो कांग्रेस के अभी 31 सांसद हैं. उच्च सदन में TMC के 12, DMK के 10, JDU के 5, NCP के 4, शिवसेना (UBT) के 3, सपा के 3, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के एक, लेफ्ट पार्टियों के दो, झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो, केरल कांग्रेस (एम) के एक, राष्ट्रीय जनता दल के छह सांसद हैं. चूंकि 10 सांसदों की स्थिति स्पष्ट नहीं है लिहाजा संजय सिंह राज्यसभा में खुद के पास समर्थन होने की बात कह रहे हैं.
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