KNEWS DESK – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों से मुलाकात की और बातचीत की। इस दौरान शिक्षकों ने अपने अनुभवों के बारे में बताया और साथ ही पीएम मोदी ने भी अपने बचपन की यादें शेयर की। शिक्षकों के साथ बातचीत में पीएम ने जैविक खेती की जरूरत पर जोर दिया और जाना कि रिसर्चर और वैज्ञानिक इसके विस्तार पर क्या चर्चा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचपन की यादें कीं साझा
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘नेशनल टीचर्स अवॉर्ड’ से सम्मानित शिक्षकों के साथ एक विशेष मुलाकात की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने न केवल अपने बचपन की यादें साझा कीं, बल्कि शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए उपयोगी सुझाव भी दिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब वह छोटे थे, उनके स्कूल के शिक्षक उन्हें राजाजी द्वारा लिखी गई रामायण को धीरे-धीरे पढ़ने की सलाह देते थे। इस व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए, उन्होंने शिक्षकों को स्थानीय लोककथाओं को पढ़ाने और विभिन्न भाषाओं में उनकी पढ़ाई करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “स्थानीय लोककथाओं को विभिन्न भाषाओं में पढ़ाएं, ताकि छात्र अनेक भाषाएं सीख सकें और हमारी जीवंत संस्कृति का अनुभव कर सकें।”
पीएम मोदी ने शिक्षकों से अपील की कि वे छात्रों को विविध भाषाओं और संस्कृतियों से परिचित कराने के लिए विभिन्न भाषाओं में पाठ पढ़ाएं। उन्होंने कहा, “आज के युवाओं को विकसित भारत के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षकों के हाथों में है।”
शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में दिए सुझाव
प्रधानमंत्री ने शिक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रभाव पर भी चर्चा की। उन्होंने मातृभाषा में शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और सुझाव दिया कि शिक्षक छात्रों को भारत की विविधता का अनुभव करने के लिए शैक्षिक भ्रमण का आयोजन करें। इस तरह की गतिविधियों से न केवल शिक्षा में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने पुरस्कार विजेता शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ने और सामूहिक शिक्षा और सुधार को बढ़ावा देने के लिए भी प्रेरित किया।
कुल 82 शिक्षकों को किया गया सम्मानित
इस वर्ष के ‘नेशनल टीचर्स अवॉर्ड’ में जम्मू और कश्मीर की उरफाना अमीन को कोविड-19 महामारी के दौरान शैक्षिक सामग्री विकसित करने के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा, आईआईटी-दिल्ली की प्रोफेसर निधि जैन, आईआईटी-रुड़की के प्रोफेसर विनय शर्मा और आईआईएसईआर पुणे के प्रोफेसर श्रीनिवास होथा को केमिस्ट्री और पर्यावरण मैनेजमेंट में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस साल कुल 82 शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिनमें 50 शिक्षक स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा, 16 शिक्षक उच्च शिक्षा विभाग द्वारा और 16 शिक्षक कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा चुने गए थे। प्रधानमंत्री मोदी की इस मुलाकात ने शिक्षकों को प्रेरित किया और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सराहा।