KNEWS DESK – दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली शराब घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है और उनकी हिरासत को 25 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। दूसरी ओर, आप के नेता दुर्गेश पाठक समेत उन सभी नेताओं को जमानत मिल गई है जिनके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चार्जशीट दाखिल की थी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया पेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अरविंद केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। हालांकि, कोर्ट ने उनकी हिरासत को खत्म करने के बजाए 25 सितंबर तक बढ़ा दिया है। केजरीवाल इस समय सीबीआई के केस में गिरफ्तार हैं और उनकी जमानत की उम्मीदें फिलहाल खत्म हो गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित जमानत का मामला
अरविंद केजरीवाल की जमानत का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। 5 सितंबर को इस मामले पर निर्णय आना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जल्द फैसला आने की उम्मीद है, जो यह तय करेगा कि केजरीवाल को जेल से बाहर आने की राहत मिलती है या नहीं।
राउज एवेन्यू कोर्ट की कार्रवाई
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों को समन और पेशी वारंट जारी किया है। सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि वह आज आरोप पत्र की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराएगी और हार्ड कॉपी भी जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, अप्रमाणित दस्तावेजों की सूची भी अदालत को प्रदान की जाएगी।
दुर्गेश पाठक को मिली जमानत
दूसरी ओर, आप नेता दुर्गेश पाठक को एक लाख रुपये के जमानत बांड के साथ जमानत मिल गई है। पाठक और अन्य नेताओं की जमानत के बाद अब उनका जेल से बाहर आना संभव हो गया है। इस प्रकार, सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट के बाद कई नेताओं को राहत मिली है, लेकिन केजरीवाल की मुश्किलें अभी भी जारी हैं।
इस समय, अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपितों के लिए न्याय की राह में कई कानूनी बाधाएं हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्द फैसला आने की संभावना है, जो केजरीवाल की हिरासत की स्थिति को स्पष्ट करेगा। इस बीच, राउज एवेन्यू कोर्ट की कार्रवाई और सीबीआई की जांच के चलते मामले में लगातार उथल-पुथल बनी हुई है।