दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, छात्रों और खिलाड़ियों के लिए लैपटॉप, नौकरियां और करोड़ों की प्रोत्साहन राशि

KNEWS DESK- मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने युवाओं, छात्रों और खिलाड़ियों के लिए तीन ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने प्रेस वार्ता में इन योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये फैसले दिल्ली को विकास और समावेशी प्रगति की दिशा में आगे ले जाने के लिए हैं।

सरकार ने घोषणा की है कि कक्षा 10वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 1200 छात्रों को i7 लैपटॉप दिए जाएंगे। इस योजना पर 8 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका उद्देश्य डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना है। साथ ही, सरकार ने सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम विकसित करने की योजना को भी मंजूरी दी है।

मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना के तहत खिलाड़ियों को नई प्रोत्साहन राशि और नौकरियों की सौगात दी गई है:

ओलंपिक विजेताओं के लिए

  • गोल्ड मेडल: ₹7 करोड़
  • सिल्वर मेडल: ₹5 करोड़
  • ब्रॉन्ज मेडल: ₹3 करोड़

एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स विजेताओं के लिए नौकरियां

एशियन गेम्स:

  • गोल्ड व सिल्वर मेडल विजेताओं को ग्रुप A नौकरी
  • ब्रॉन्ज मेडल विजेता को ग्रुप B नौकरी
  • कॉमनवेल्थ गेम्स:
    • गोल्ड मेडल: ग्रुप A
    • सिल्वर: ग्रुप B
    • ब्रॉन्ज: ग्रुप C

छात्रों को खेल प्रोत्साहन राशि

  • नेशनल लेवल पर खेलने वाले छात्रों को प्रशिक्षण के लिए ₹5 लाख
  • इंटरनेशनल लेवल पर मेडल जीतने पर ₹11 लाख
  • एलीट एथलीट्स को ₹5 लाख तक सहायता

दिल्ली सरकार ने 100 ICT लैब्स स्थापित कर दी हैं और अब 175 नई लैब्स और बनाई जाएंगी। प्रत्येक लैब में 40 कंप्यूटर होंगे। मंत्री ने बताया कि अभी तक 1174 सरकारी स्कूलों में एक भी फंक्शनल कंप्यूटर लैब नहीं थी। यह काम CSR मॉडल के तहत किया जा रहा है।

सभी सर्वोदय विद्यालयों में अब अभिभावक ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य अभिभावकों को स्कूल की कार्यप्रणाली, योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी देना है। सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों में जाकर इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खुद सड़कों पर उतरकर जलभराव की स्थिति का निरीक्षण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं, उन्हें सवाल पूछने का अधिकार नहीं है।

“हमने मिंटो ब्रिज, पश्चिमी दिल्ली और धौलाकुआं जैसे इलाकों में काम किया है। जो 5 महीने में किया जा सकता था, वो हमने किया।”