दिल्ली सरकार दृष्टिबाधित छात्राओं के लिए हर जिले में बनाएगी छात्रावास, बंद हॉस्टलों को दोबारा खोलेगी

KNEWS DESK- दिल्ली सरकार ने दृष्टिबाधित छात्राओं और वंचित वर्गों के छात्रों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार अब राजधानी के हर जिले में छात्रावास (हॉस्टल) शुरू करने जा रही है, ताकि जरूरतमंद छात्राओं को सुरक्षित और बेहतर आवासीय सुविधा मिल सके। इस पहल की घोषणा दिल्ली सरकार के मंत्री रविंदर इंद्राज सिंह ने की।

मंत्री रविंदर इंद्राज सिंह ने हाल ही में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने बताया कि सरकार समाज के वंचित वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित आवासीय वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, “पिछली सरकार की लापरवाही के कारण दिल्ली के कई छात्रावास बंद कर दिए गए थे। हम इन हॉस्टलों को फिर से खोलने और नए छात्रावास बनाने का काम करेंगे, ताकि कोई भी छात्रा आवास की कमी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़े।”

सेवा पखवाड़ा के दौरान सरकार ने तिमारपुर में दृष्टिबाधित कॉलेज छात्राओं के लिए नया छात्रावास शुरू किया है। मंत्री ने कहा कि इसी मॉडल पर अब दिल्ली के हर जिले में ऐसे हॉस्टल स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम को भी फिर से खोलेगी, जो पहले से वंचित बच्चों के लिए एक बड़ा सहारा रहा है।

रविंदर इंद्राज सिंह ने बताया कि साल 2024 में पिछली सरकार ने फंड की कमी और इमारतों की जर्जर हालत का हवाला देते हुए कई छात्रावास बंद कर दिए थे, जिससे हजारों छात्रों को नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों में भी कई अनियमितताएं पाई गई हैं, जिनकी जांच और सुधार की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

बंद किए गए हॉस्टलों में से एक ईसापुर आवासीय विद्यालय था, जो अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और अनाथ छात्रों के लिए बनाया गया था। यहां छात्रों को मुफ्त आवास, भोजन, वर्दी, स्टेशनरी और चिकित्सा सेवाएं मिलती थीं। सरकार ने अब इन सुविधाओं को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ समग्र विकास का अवसर मिल सके।

मंत्री सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि समाज के किसी भी वर्ग का बच्चा शिक्षा और आवास की कमी के कारण पीछे न रह जाए। उन्होंने कहा,

“हमारा लक्ष्य है कि हर जिले में छात्राओं के लिए सुरक्षित, सुलभ और सम्मानजनक आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए। यह केवल शिक्षा नहीं, बल्कि समान अवसर की दिशा में बड़ा कदम है।” सरकार की यह नई पहल न केवल दृष्टिबाधित और वंचित छात्राओं के लिए राहत लाएगी, बल्कि दिल्ली में शैक्षणिक समावेशन और सामाजिक न्याय को भी नई दिशा देगी।