KNEWS DESK- दिल्ली में सर्दियों में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान लागू करने की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत प्रदूषण के हॉट स्पॉट्स की निगरानी ड्रोन के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए एक छह सदस्यीय विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
आपातकालीन उपायों के तहत वाहनों के लिए ऑड-ईवन व्यवस्था लागू की जाएगी, और कृत्रिम वर्षा भी की जाएगी। साथ ही, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) को सख्ती से लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय से काम करने की योजना है, जिससे प्रदूषण के स्रोतों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में वायु प्रदूषण में लगभग 34.6% की कमी आई है, और दिल्ली का हरित क्षेत्र 23.06% तक बढ़ गया है। धूल प्रदूषण को कम करने के लिए 7 अक्टूबर से एंटी डस्ट कैंपेन शुरू किया जाएगा, जिसमें 523 टीमें बनाई गई हैं। नवंबर में मोबाइल एंटी स्मॉग गन की तैनाती तीन शिफ्टों में की जाएगी, जिसके लिए 200 गन लगाई जाएंगी।
दिल्ली के पांच हजार एकड़ से अधिक खेतों में बायो डी-कंपोजर का निशुल्क छिड़काव भी किया गया है।
एमसीडी की तैयारियाँ
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) भी वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जल छिड़काव मशीनों और एंटी-स्मॉग गनों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहा है। वर्तमान में 195 जल छिड़काव मशीनें और 30 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन हैं। इसके अलावा, निर्माण एवं विध्वंस (सीएंडडी) प्लांटों, लैंडफिल साइटों और ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों पर 20 एंटी-स्मॉग गन की स्थापना की जाएगी।
उच्च ऊंचाई वाले भवनों पर 15 एंटी-स्मॉग गन स्थापित करने की भी योजना है। एमसीडी ने सड़क की स्थिति सुधारने के लिए गड्ढों की मरम्मत में तेजी लाने का काम किया है। अप्रैल से अगस्त के बीच लगभग 6,700 गड्ढों को भरा गया है और 50 किमी लंबाई की सड़कों का पुनर्निर्माण किया गया है। इस प्रकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी मिलकर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठा रही हैं, जिससे राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
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