KNEWS DESK – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राम कृष्ण पांडा ने राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन देने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया है।
सुनिश्चित पेंशन देने के फैसले पर कड़ी आपत्ति
बता दें कि केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों के लिए सरकार ने यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का फैसला किया है जो मौजूदा एनपीएस के साथ ही लागू रहेगा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भा.क.पा.) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राम कृष्ण पांडा ने मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन देने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हम एकीकृत पेंशन योजना का विरोध करते हैं। यह नई बोतल में पुरानी शराब है। हम इस अंशदायी पेंशन प्रणाली को अस्वीकार करते हैं। सरकारी कर्मचारी भी यूपीएस और एनपीएस के बजाय पुरानी पेंशन योजना की वापसी का आग्रह कर रहे हैं। मोदी जी को पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना चाहिए।”
वेतन का 50 फीसदी सुनिश्चित करने को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि एकीकृत पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्मान और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है। उनकी बयान केंद्रीय मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत सेवा में शामिल होने वाले 23 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन के रूप में वेतन का 50 फीसदी सुनिश्चित करने को मंजूरी देने के बाद आया। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एक अप्रैल, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा।