KNEWS DESK- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को लगभग 50 दिन बीतने के बाद भी सरकारी आवास नहीं मिल सका है। सीएम पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद से वे अभी तक अपने शालीमार बाग स्थित निजी आवास में ही रह रही हैं। जहां एक ओर मुख्यमंत्री को अब तक सरकारी बंगला आवंटित नहीं हुआ है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को 115 अंसारी रोड पर सरकारी बंगला अलॉट किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को अब नया बंगला आवंटित किया गया है। उन्हें 115 अंसारी रोड पर एक बंगला सौंपा गया है, हालांकि उन्होंने पहले AB-17 मथुरा रोड पर स्थित बंगला मांगा था। फिलहाल, वे इसी बंगले में रह रही हैं, जिसे सीएम रहते हुए उन्हें आवंटित किया गया था। अंसारी रोड पर बंगला मिलने से पहले, अधिकारियों ने इसे रेनोवेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इस निर्णय से यह साफ है कि पूर्व मुख्यमंत्री के लिए नया घर तैयार किया जा रहा है।
दिल्ली के मंत्रियों को भी सरकारी आवासों का आवंटन किया गया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद को चाणक्यपुरी में आवास मिला है, जबकि कपिल मिश्रा, रविंद्र इंद्रराज, और मोहन सिंह बिष्ट को शामनाथ मार्ग पर बंगला अलॉट हुआ है। वहीं, भाजपा के नेता परवेश वर्मा को विंडसर प्लेस पर आवास दिया गया है। हालांकि, सीएम रेखा गुप्ता के अलावा मनजिंदर सिंह सिरसा और पंकज सिंह को भी अभी तक सरकारी आवास नहीं मिल पाया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद यह स्पष्ट कर दिया था कि वे पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के विवादास्पद ‘शीश महल’ (6, फ्लैग स्टाफ रोड) में नहीं रहेंगी। इस बंगले को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, और रेखा गुप्ता ने इस बंगले में शिफ्ट होने से इंकार कर दिया था। इसके बजाय, उन्होंने इसे जनता के लिए एक संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव दिया था। इस फैसले के बाद, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने उन्हें अब तक सरकारी आवास नहीं दिया है।
सीएम रेखा गुप्ता को फिलहाल अपने निजी आवास से दिल्ली सचिवालय तक यात्रा करनी पड़ती है, जो लगभग 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। यह यात्रा सीएम के लिए न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि यह उनके दैनिक कार्यों में भी विघ्न डाल सकती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) कब तक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को उनका सरकारी आवास आवंटित करता है। रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया था कि वे विवादास्पद ‘शीश महल’ में नहीं रहेंगी, और उनका उद्देश्य इस स्थान को जनता के लिए सुलभ बनाने का है। हालांकि, इस प्रक्रिया में देरी हो रही है, जिससे मुख्यमंत्री को असुविधा हो रही है।
दिल्ली के मंत्री और अन्य नेताओं को तो उनके आवास मिल गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को अभी तक यह सुविधा क्यों नहीं मिली, यह सवाल अब सामने आ रहा है। देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।
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