KNEWS DESK – दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच तेज करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आरोपी डॉ. नासिर बिलाल मल्ला को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। एजेंसी ने कोर्ट से बिलाल के वॉयस सैंपल टेस्ट की अनुमति मांगी, जिसे मंजूरी दे दी गई। NIA का कहना है कि आगे की जांच के लिए आरोपी की आवाज के नमूने बेहद जरूरी हैं। इससे पहले स्पेशल NIA कोर्ट ने आरोपी की चार दिनों की रिमांड बढ़ाई थी।
इसी मामले में कश्मीर के काजीगुंड के डॉक्टर मुजफ्फर अहमद राथर के खिलाफ भी कार्रवाई तेज कर दी गई है। 10 नवंबर को हुए भीषण दिल्ली ब्लास्ट के मामले में श्रीनगर की अदालत ने डॉक्टर राथर के खिलाफ उद्घोषणा आदेश (प्रोक्लेमेशन नोटिस) जारी किया है। अदालत ने आदेश दिया है कि आरोपी 28 जनवरी 2026 को सुबह 10 बजे कोर्ट में पेश होकर शिकायत का जवाब दे।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बार-बार वारंट जारी होने के बावजूद आरोपी डॉक्टर का कोई सुराग नहीं मिल पाया, जिसके चलते बीएनएसएस की संबंधित धाराओं के तहत यह कदम उठाया गया। नोटिस को काजीगुंड के वानपोरा गांव स्थित आरोपी के घर पर चस्पा किया गया है।
जांच एजेंसियों का मानना है कि मुजफ्फर अहमद राथर इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता है। वह आत्मघाती हमलावर डॉक्टर उमर का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। राथर, सहारनपुर से गिरफ्तार किए गए डॉक्टर आदिल का भाई है, जो भारत से पहले दुबई गया था। सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल मुजफ्फर अहमद अफगानिस्तान में छिपा हुआ है।
NIA ने इस मामले में पहले ही डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, मुफ्ती इरफान और डॉ. शाहीन सईद को पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल कोर्ट में पेश किया था, जहां उनकी हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ा दी गई। एजेंसी के अनुसार, ये सभी आरोपी मिलकर एक बड़ी आतंकी साजिश रच रहे थे।
जांच में यह भी सामने आया है कि डॉक्टर उमर नबी ने आत्मघाती हमलावर बनकर लालकिले के सामने कार में विस्फोट किया था। NIA अब पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी है और जल्द ही मामले में और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।