राजीव कुमार ने इस दौरान बताया कि कुछ राजनीतिक दलों ने खास प्रकार की चिंताएं उठाई थीं, जिनमें सबसे प्रमुख मुद्दा मतदाता सूची से जुड़े आरोप थे। कई दलों ने यह दावा किया कि मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़े और हटाए गए हैं। इस पर चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए हर पोलिंग स्टेशन और हर गांव में ड्राफ्ट रोल की कॉपी पब्लिश की जाती है, ताकि कोई भी मतदाता अपने नाम की सही स्थिति देख सके।
वोटर लिस्ट में नाम काटने पर क्या है चुनाव आयोग का जवाब?
चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि अगर किसी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया है, तो इसके लिए पर्सनल सुनवाई आवश्यक है। बिना व्यक्तिगत सुनवाई के किसी का नाम नहीं हटाया जा सकता है। इसके अलावा, यदि दो प्रतिशत से अधिक नाम मतदाता सूची से कटते हैं, तो एआरओ (आसैनिक रिटर्निंग ऑफिसर) और आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) को स्वयं जांच करनी पड़ती है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लागू की जाती है।
राजीव कुमार ने इस दौरान यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने सभी चिंताओं को गंभीरता से लिया है और चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची को लेकर पूरी सतर्कता बरती जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।
ईवीएम की सुरक्षा पर आयोग का भरोसा
ईवीएम से संबंधित आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने एक बार फिर इस पर अपना भरोसा जताया। चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है और यह पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसके अलावा, मतदान प्रक्रिया के हर चरण में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी। आयोग ने ईवीएम को लेकर उठने वाले सवालों पर आम जनता और राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाया कि तकनीकी दृष्टि से यह प्रणाली पूरी तरह से मजबूत है और चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना नहीं है।
आगामी चुनावों में पूरी पारदर्शिता का आश्वासन
मुख्य चुनाव आयुक्त ने अंत में यह भी बताया कि चुनाव आयोग आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में सभी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी मतदाताओं को सही तरीके से उनकी वोटिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा और सभी शिकायतों का निवारण समय पर किया जाएगा। इस प्रकार, दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने मतदाता सूची, ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी मुद्दों पर अपना स्पष्ट और मजबूत दृष्टिकोण पेश किया है।
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