KNEWS DESK- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का इंतजार कर रहे दिल्लीवासियों के लिए आज यानी मंगलवार को एक अहम घोषणा होने जा रही है। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) आज दोपहर 2 बजे दिल्ली विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। इस बार भी दिल्ली में चुनाव एक ही चरण में होने की संभावना जताई जा रही है, जैसा कि पिछले चुनावों में देखा गया था।
राजनीतिक दृष्टि से दिल्ली विधानसभा चुनाव अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण राज्य है। पिछले चुनावों में दिल्ली के मतदाता ने काफी उत्साह के साथ भाग लिया था, और यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी मतदान में बड़ी संख्या में लोगों का हिस्सा बनने की संभावना है।
अभी तक की जानकारियों के अनुसार, दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव कराए जाने की संभावना है, जो कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। भारतीय चुनाव आयोग समय-समय पर चुनावी कार्यक्रमों में बदलाव कर सकता है, लेकिन फिलहाल यही संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव फरवरी के पहले हिस्से में आयोजित होंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो जाएगी। खासतौर पर आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस पार्टी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, जो पिछले चुनावों में जबरदस्त जीत दर्ज की थी, एक बार फिर अपनी सरकार को सत्ता में बनाए रखने के लिए अपने चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में लगी है।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस भी दिल्ली की राजनीति में अपनी साख सुधारने के लिए चुनावी रण में कूदने की तैयारी में हैं। दोनों पार्टियों ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है।
अब दिल्लीवासियों की नजरें निर्वाचन आयोग के ऐलान पर टिकी हैं, जो न केवल चुनाव की तारीखें बताएगा, बल्कि आगामी चुनावी प्रक्रिया के लिए दिशा-निर्देश भी जारी करेगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम दिल्ली की राजनीति की दिशा तय करेगा और यह पूरे देश में राजनीतिक हलचल का कारण बनेगा।
क्या बदल सकती है तारीखें?
हालांकि निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए मंगलवार का दिन तय किया है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आयोग ने कई बार तारीखों में बदलाव भी किया है। इसलिए, चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के बाद भी राजनीतिक दल और जनता को किसी भी परिस्थिति में तैयार रहना होगा।
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